सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद कुछ दिन विभागीय अधिकारियों ने चुस्ती दिखाते हुए डाइट के लिए गोगेलाव में एक भवन किराए पर ले लिया, जिसका पिछले कई महीनों से करीब 15 हजार रुपए किराया चुकाया जा रहा है, जबकि डाइट के नाम पर यहां अब तक कोई काम नहीं हो रहा है। डाइट से संबंधित सभी काम कुचामन सिटी में ही हो रहे हैं। विभाग उच्चाधिकारियों के उदासीनता रवैये के चलते एक साल से भी अधिक समय बीतने के बावजूद शैक्षणिक स्टाफ नियुक्त नहीं किया गया है। केवल एक यूडीसी का पदस्थापन किया गया।
शासन सचिव के पास लम्बित है फाइल विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डाइट में स्टाफ लगाने के लिए माध्यमिक शिक्षा बीकानेर के निदेशक ने करीब एक माह पूर्व पत्रावली शासन सचिव स्कूल शिक्षा को अनुमोदन के लिए भेजी थी, लेकिन आज तक अनुमोदन नहीं किया गया है। इसके चलते डाउट में शैक्षणिक स्टाफ नहीं लग पाया है। डाइट के लिए जमीन तो आवंटित कर दी, लेकिन भवन बनाने के लिए बजट नहीं दिया। इधर, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा की ओर से 5 मार्च 2025 को अधिसूचना जारी कर प्री डीएलएड परीक्षा (बीएसटीसी) 2025 के लिए आवेदन मांग लिए। 1 जून 2025 को परीक्षा के बाद चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए डाइट आवंटित की जाएगी। यदि नागौर में शैक्षणिक स्टाफ स्वीकृत किया जाता है तो जिले के प्रशिक्षार्णियों को इसका लाभ मिल सकता है। अन्यथा बीएसटीसी करने वाले छात्रों को इस बार भी अन्य जिलों में जाना पड़ेगा। आगामी सत्र में डाइट में एनटीटी कोर्स शुरू होना भी संभावित है। ऐसे में नागौर जिले के बच्चों को नुकसान होना तय है।
एक कार्मिक लगाया है डाइट के लिए अभी एक कार्मिक को ही लगाया है, एक प्रिंसिपल व छह व्याख्याताओं के पद स्वीकृत कर दिए, लेकिन पोस्टिंग नहीं दी है। भवन भी हमने किराए पर ले रखा है। बजट मिले तो आवंटित जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हो।
– रामनिवास जांगीड़, जिला शिक्षा अधिकारी, नागौर