नेताजी की साख को बट्टा न लगे इसलिए पकड़वाया शहर से गांजा!
– शहर की बस्ती से पकड़ा था 6.20 करोड़ का गांजा, दूसरी बार लाया गया यही ट्रक
– जहां बस्ती न रास्ता, वहां से पकडऩा दिखाया गांजा, उड़ीसा से दिल्ली जा रही थी गाड़ी तो फिर सविता पुरा कैसे पहुंची
मुरैना. सिविल लाइन थाना पुलिस ने 6 करोड़ 20 लाख की गांजे की बड़ी खेप पकड़ी, यह मुरैना पुलिस के लिए बड़ी सफलता है लेकिन जो कहानी तैयार की है, वह लोगों के गले नहीं उतर रही। उड़ीसा से दिल्ली की तरफ जा रहा 30 क्विंटल 98 किलो 200 ग्राम गांजे को पुलिस ने सविता पुरा नहर से पकडऩा बताया है जबकि वहां से दिल्ली हाइवे करीब एक किमी से अधिक दूरी पर है फिर यहां कैसे पहुंच गया।
चर्चा है कि गांजा शहर के एक चर्चित नगर से पकड़ा गया है, यह पहली गाड़ी नहीं हैं, इससे एक महीने पूर्व भी इसी गाड़ी से गांजा आया था, उसको गलाया जा चुका है। गांजे की तस्करी नेताजी के खासमखास व्यक्ति द्वारा की जा रही थी। हालांकि पुसिल ने उसको पूरी तरह क्लीनचिट दे रखी है। खबर है कि गांजे की गाड़ी शहर के चर्चित नगर में एक कोठी (बड़ा मकान) में खाली होकर वहां से छोटी- छोटी गाडिय़ों से सप्लाई होता था। यह बात नेताजी को पता चला तो उनको लगा कि हमारे नाम का गलत इस्तेमाल हो रहा है और कहीं दूसरी पुलिस अफसर आया तो हमारी प्रदेश में बदनामी हो सकती है, फिलहाल पुलिस के मुखिया की नेताजी से अच्छी पटरी बैठ रही है, इसलिए नेताजी ने नेक काम करते हुए अपने लोगों से पुलिस को सूचना देकर गाड़ी को पकड़वाया और फिर पुलिस ने सविता पुरा से पकडऩे की कहानी तैयार की गई। पुलिस ने चालक वीरेन्द्र यादव निवासी जोनपुर को गिरफ्तार कर लिया है। खबर है कि नेताजी के खास व्यक्ति व दतिया के एक पुराने तस्कर के साथ ये कारोबार पार्टनरशिप में किया जा रहा था। विशेष तो यह है कि तीन दिन हो गए लेकिन पुलिस अभी तक चालक से पूछताछ करते हुए असल मुल्जिम तक नहीं पहुंच सकी है और न पहुंच पाएगी क्योंकि नेताजी के खास व्यक्ति का बचाव जो करना हैं। पुलिस अधिकारी तो इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं लेकिन थाना प्रभारी सिविल लाइन प्रीती जादौन ने शहर से गांजा पकडऩे से इंकार किया है, उनका यही कहना हैं कि सविता पुरा नहर से गाड़ी निकल रही थी, मुखबिर की सूचना पर पकड़ी है, आरोपी कौन लोग हैं, उन तक पहुंचने में समय लगेगा।
हाइवे के सीसीटीवी कैमरे चेक करने पर हो कहानी साफ जिस गांजे को पकडऩे को लेकर पुलिस मूंछों पर ताव दे रही है, उसकी कहानी जनता के सामने आएगी, अगर हाइवे के सीसीटीवी फुटेज चेक कर लिए जाएं। ट्रक उड़ीसा से नहीं, शहर से वापस जाते हुए दिखाई देगा, लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि पुलिस ने पूरी कहानी गढ़ी है फिर ऐसा करेगा कौन। वहीं चालक के व्हाट्सएप सहित अन्य ऐप चेक किए जाएं कि उसकी किस किस से बात हुई, उसकी मोबाइल की कॉल डिटेल से असल तस्करों के नाम सामने आ सकते हैं लेकिन पुलिस पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रही है।