पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पं. धीरेंद्र शास्त्री की यह पहली कथा है। इसके लिए विशाल पंडाल तैयार किया गया है, जिसमें 1 लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था है। कथा मंडली के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और बताया कि 28 या 29 मार्च को वह अनुष्ठान में शामिल होने मेरठ आ सकते हैं।
हनुमंत कथा को लेकर मेरठ पुलिस ने सुरक्षा और यातायात के व्यापक इंतजाम किए हैं। मंगलवार सुबह 9 बजे से 29 मार्च तक कथा समाप्ति तक शहर में भारी वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।
पुलिस ने रूट डायवर्जन प्लान भी जारी किया है, जिसके तहत श्रद्धालु चार रास्तों से कथा स्थल तक पहुंच सकेंगे। कथा स्थल पर तीन लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। इसके लिए बुलंदशहर, हापुड़, बागपत और मुरादाबाद से 1,200 पुलिसकर्मियों को बुलाया गया है। पुलिसकर्मियों के ड्यूटी कार्ड बनाए गए हैं।
सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 125 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन से निगरानी की जाएगी। कथा स्थल को एक जोन और 3 सेक्टरों में बांटा गया है। इसके अलावा खोया-पाया केंद्र, चिकित्सा शिविर और अस्थाई पुलिस चौकी की व्यवस्था भी की गई है।
आयोजकों का दावा है कि उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार से भी श्रद्धालु कथा सुनने के लिए मेरठ पहुंच रहे हैं। यह आयोजन धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से क्षेत्र में एक बड़ा उत्सव बनने जा रहा है।