जिला सहकारी बैंक ने 82 हजार किसानों को खरीफ सीजन में 434 करोड़ रुपए का अल्पकालीन ऋण वितरण किया था। अब तक 419 करोड़ रुपए ऋण की वसूली हुई है। बताया जाता है कि कई पंजीकृत किसान, ऋण लेने के बाद धान नहीं बेच पाते। इस वजह से लिंकिंग के माध्यम से वसूली नहीं हो पाती है। ऐसे ही किसानों से ऋण वसूली नहीं हो पाई है। लगभग 15 करोड़ ऋण की वसूली होना शेष है।
यही नहीं, समय पर भुगतान नहीं करने पर किसान डिफाल्टर की श्रेणी में भी आ सकते हैं।
किसानों से समिति के माध्यम से संपर्क किया जाएगा। राज्य सरकार के द्वारा स्वीकृत ब्याज राहत योजना के तहत अंतर्गत समितियों के माध्यम से बैंक द्वारा कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण स्वीकृत किया जाता है।
खरीफ सीजन के लिए ऋण वितरण शुरू
खरीफ सीजन 2025-26 के लिए जिला सहकारी बैंक से ऋण वितरण शुरू हो गया है। 30 सितंबर तक ऋण प्रदान किया जाएगा। ज्यादातर किसान जून महीने में ही ऋण लेते हैं। खाद-बीज और उर्वरक के लिए किसान ऋण लेते हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए अब तक लक्ष्य नहीं आया है। पिछले वर्ष 498 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। इसमें 82 हजार किसानों को 434 करोड़ ही वितरण हो पाया। जून तक करना होगा जमा
रबी सीजन में खाद, बीज और अन्य रासायनिक दवाओं के लिए 6180 किसानों ने 38 करोड़ 60 लाख 93 हजार रुपए ऋण लिया है। रबी सीजन में ऋण लेने के लिए किसानों को 1 अक्टूबर से 15 मार्च तक का समय दिया गया था। ऋण भुगतान करने के लिए 15 जून तक समय दिया गया है।
अनुदान की पात्रता नहीं
कृषक यदि समय पर ऋण अदायगी नहीं करते हैं तो उन्हें ब्याज अनुदान की पात्रता नहीं होती है या शून्य प्रतिशत ब्याज दर के स्थान पर निर्धारित ब्याज के साथ दंड ब्याज भी वसूला जाता है। नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा ने बताया कि कई किसान ऋण तो लेते हैं, लेकिन धान नहीं बेच पाते हैं, उन्हीं का लिंकिंग से वसूली नहीं हो पाती है।
छूट रहे पसीने
जिला सहकारी बैंक के ऋण की वसूली में पसीने छूट रहे हैं। डिफाल्टर किसानों को केवल नोटिस थमाया जा रहा है, लेकिन वसूली नहीं हो पा रही है।