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लखनऊ

UP में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पर रोक, अबू आजमी ने दी प्रतिक्रिया

UP Namaz Controversy: महाराष्ट्र सपा विधायक अबू आजमी ने यूपी में सड़कों पर नमाज प्रतिबंध को लेकर कहा कि सरकार को धर्म पालन के अधिकार का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता और दोहरे मापदंड पर भी सवाल उठाए।

लखनऊMar 28, 2025 / 09:42 am

Sanjana Singh

UP में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पर रोक, अबू आजमी ने दी प्रतिक्रिया

UP में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पर रोक, अबू आजमी ने दी प्रतिक्रिया

UP Eid 2025: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए धार्मिक स्वतंत्रता की जरूरत पर जोर दिया।

‘सैकड़ों सालों से चल रही है परंपरा’

अबू आजमी ने कहा, “क्या होगा अगर सरकार कल यह फैसला ले कि हम नमाज नहीं पढ़ सकते? अगर हम नमाज पढ़ेंगे, तो वे हमें गोली मारने या जेल भेजने की धमकी देंगे। सैकड़ों साल से, लोग सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ते आ रहे हैं, जब मस्जिदें छोटी या भीड़भाड़ वाली होती थीं, कभी-कभी तो वे नालियों की बगल वाली सड़कों पर भी नमाज पढ़ते हैं।”

‘धर्म का सम्मान होना चाहिए’

उन्होंने कहा, “नमाज पढ़ने के लिए लोगों को परेशान करने की बजाय, सरकार को उन्हें नमाज पढ़ने के लिए जगह देनी चाहिए, इलाकों को साफ करना चाहिए और उनके धर्म का पालन करने के अधिकार का सम्मान करना चाहिए। यह यातायात को अवरुद्ध करने के बारे में नहीं है; यह जानबूझकर मुसलमानों को परेशान करने के बारे में है।”
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कुणाल कामरा विवाद पर दोहरा मापदंड का आरोप

कुणाल कामरा के उपमुख्यमंत्री पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आजमी ने कहा, “उपमुख्यमंत्री के बारे में कुणाल कामरा की टिप्पणी अनुचित थी, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि जब हमारे प्यारे पैगंबर मुहम्मद का अपमान किया जाता है, तो कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। सलमान रुश्दी और तस्लीमा नसरीन, जिन्होंने इस्लाम के बारे में अपमानजनक किताबें लिखी हैं, उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानूनों के तहत संरक्षण प्राप्त है। इसके विपरीत, कामरा की टिप्पणी ने बड़े पैमाने पर आक्रोश पैदा किया है, और उनके यूट्यूब चैनल पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी दबाव डाला जा रहा है। यह एक स्पष्ट दोहरा मापदंड है। यह दर्शाता है कि हमारे देश में लोकतंत्र को कैसे कमजोर किया जा रहा है।”

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