March Festival List 2025: होली, भाईदूज… मार्च 2025 के प्रमुख व्रत, धार्मिक त्यौहार और तिथियों की पूरी लिस्ट देखिए
March Festival List 2025: मार्च का महीना शुरू होने जा रहा है, ऐसे में मार्च में कुछ उत्साहपूर्ण त्योहारों का आयोजन होता है, जिनका महत्व व्रत और त्योहारों की महत्ता से जुड़ा होता है। इस महीने में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों, व्रत और तिथियों की पूरी जानकारी यहां दी गई है।
March Festival List 2025: मार्च का महीना खुशियां, रंग और परंपराओं का एक बेहतरीन संगम है। यह महीना हिंदी कैलेंडर में एक अत्यंत रंगीन और उल्लासपूर्ण समय होता है, जहां विभिन्न व्रत, त्योहार और धार्मिक उत्सवों का आयोजन होता है। मार्च का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन और चैत्र महीने में बंटा होता है, जिनमें होली, भाई दूज और कई अन्य महत्वपूर्ण तिथियां शामिल हैं। यहां मार्च में होने वाले सभी धार्मिक उत्सव, व्रत और पर्वों की पूरी लिस्ट दी गई है।
हिंदी नव वर्ष, गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि, वसंत ऋतु
31-03-2025
सोमवार
झूलेलाल जयंती, मत्स्य जयंती
March Festival List 2025| हिन्दू कैलेंडर
March Festival List 2025
इंटरनेशनल विमेंस डे (International Women’s Day)
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD), जो हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है, यह दिन महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव और लिंग समानता के रूप में मनाया जाता है।
होलिका दहन का खास महत्व (Special significance of Holika Dahan)
होली से पहले का दिन ‘होलिका दहन’ होता है, जिसे होली का दिन भी कहते हैं। इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में होलिका की पूजा और जलन की जाती है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह उनके जीवन में अच्छाई को मजबूत करने का संकेत है।
होली रंगों का त्योहार (Holi festival of colors)
होली एक प्राचीन हिंदू त्योहार है, जिसे हर साल वसंत ऋतु के आगमन और नई शुरुआत के प्रतीक के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार रंगों की मस्ती, दोस्ती और भाईचारे का प्रतीक है। यह रंगों का त्योहार 14 मार्च को पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा।
चैतन्य महाप्रभु, भक्ति आंदोलन के महान संत थे। उनकी जयंती पर विशेष रूप से भक्ति संगीत और कृष्ण पूजा की जाती है। यह दिन विशेष रूप से बंगाल और उड़ीसा में धूमधाम से मनाया जाता है।
हिंदू नववर्ष | (Hindu New Year)
हिंदू नववर्ष, जिसे नव संवत्सर या भारतीय नववर्ष भी कहा जाता है, सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए नए वर्ष की शुरुआत का महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है और इसे गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है।
गुढी पड़वा | (Gudhi Padwa)
चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा को गुढी पड़वा, वर्ष प्रतिपदा या उगादी (युगादि) के रूप में मनाया जाता है, जो हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह पावन और उल्लासपूर्ण पर्व 30 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि मराठी राजा शालिवाहन ने अपने शत्रुओं (शकों) को पराजित करने के बाद इस दिन को विजय के प्रतीक के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की थी।