राजस्थान में हेरीटेज भैंराेसिंह शेखावत की देन
उन्होंने कहा कि राजस्थान में पुरानी हवेलियां, गढ़ और किले खंडहर हो रहे थे। ऐसे में तत्कालीन मुख्यमंत्री भैंरो सिंह शेखावत ने इनका हेरीटेज के रूप में विकास करने की योजना बनाई। और राजस्थान में राजा-महाराजाओं के गढ़, किले और हवेलियां को शेखावत सरकार ने अनुदान दिया। इसका फायदा मिला और आज राजस्थान की हेरीटेज होटल्स बड़ी संख्या में नजर आ रहे है। अब देश-विदेश से पर्यटक इन्हें देखने आता है। देश का सबसे महंगा होटल जोधपुर में है, जो कि राजा का ही पुराना महल है। लोग इसमें रूककर राजसी वैभव का अनुभव करते है। तकनीकी शिक्षा में सुधार की बहुत गुंजाइश
राज्यपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि टेक्निकल एजुकेशन के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में काफी सुधार की जरूरत है। वर्तमान में जिस हाथ में कौशल है उसे रोजगार मिल रहा है, डिग्री लेकर लोग जॉब देखते-देखते थक जाएगा, लेकिन जिस हाथ में हूनर होगा, उसे रोजगार मिल रहा है। ऐसे में युवा खुद को डिग्री के साथ हूनरमंद भी बनाए।
प्राचीन समय से रहा है पर्यटन
राज्यपाल ने कहा कि धार्मिक व अन्य टूरिज्म हमारे यहां हजारों सालों से चल रहा है। पहले लोग पैदल चार धाम के दर्शन करने जाते थे। अब वाहन और साधन हो गए है। लोग बड़े मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचते है। कई मंदिरों से पूरे नगर का टूरिज्म चल रहा है। यहां एक क्षण को भगवान की मूर्ति का दर्शन करने को मिलते है, धक्के पड़ते है। इससे श्रद्धा कम नहीं होती है, बल्कि हर वर्ष यहां धार्मिक पर्यटन बढ़ रहा है। प्रदेश ही नहीं देश का सबसे बड़ा किला चित्तौड़गढ़ है। चंबल किनारे बनी शिक्षा की नगरी कोटा
उन्होंने कहा कि चंबल नदी के किनारे बसा कोटा सुंदर है। यह शिक्षा की नगरी और कोचिंग नगरी के रूप में जाना जाता है। यह बहुत सुंदर है। यहां पर्यटन का विकास होना चाहिए। यहां उद्योग है, लेकिन एक बड़े उद्योग की जरूरत है। बड़े उद्योग के आने के साथ ही यहां छोटे-छोटे सैंकड़ों उद्योग लगेंगे। कोटा कृषि के लिए काफी अच्छी जगह है। यहां अनाज समेत काफी फसलों की पैदावार होती है। राज्यपाल बागडे ने यह भी कहा कि महाराणा प्रताप का अंतिम संस्कार उदयपुर के चावण्ड में हुआ था, वह वहां पर जाकर भी आए है, वहां भी लगातार पर्यटक आते हैं।
टूरिज्म को शिक्षा से जोड़ना होगा
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश के प्रो.संदीप कुलश्रेष्ठ हमारे यहां धाम की यात्रा होती है। हाल ही में महाकुंभ जैसा बड़ा आयोजन किया गया है। धार्मिक टूरिज्म में अपार संभावनाए है। अध्यक्षता करते हुए कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने कहा कि टूरिज्म और शिक्षा को जोड़ना होगा। इससे टूरिज्म का तेजी से विकास होगा। सम्मेलन की निदेशक डॉ. अनुकृति शर्मा ने बताया कि दिनभर अलग-अलग सत्र पर्यटन और विकास पर ही आयोजित किए जाएंगे।