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राजस्थान में सामूहिक विवाह सम्मेलन अनुदान नियमों में बड़ा बदलाव, नई गाइडलाइन जारी

Rajasthan News : राजस्थान सरकार ने सामूहिक विवाह सम्मेलन अनुदान नियमों में बदलाव किया है। जानिए कैसे मिलता है अनुदान।

कोटाApr 24, 2025 / 01:03 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan Samuhik Vivah Sammelen Aanudan Rules Big Change New Guideline issued
Rajasthan News : राजस्थान सरकार ने सामूहिक विवाह सम्मेलन अनुदान नियमों में बदलाव किया है। सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करने पर अब संस्थाओं को विवाह अनुदान के लिए दूल्हा-दुल्हन के विवाह पंजीयन का प्रमाण पत्र देना पड़ेगा। इसके अभाव में दूल्हा-दुल्हन को मिलने वाला अनुदान नहीं मिलेगा। सरकार सामूहिक विवाह सम्मेलन में विवाह करने पर जोड़ों को अनुदान देती है।

नई गाइड लाइन जारी

नई गाइडलाइन के अनुसार अब 60 दिन के भीतर संस्थाओं को दूल्हा-दुल्हन के विवाह पंजीयन के प्रमाण पत्र देने होंगे। इसके बाद जोड़ों को एक साथ निर्धारित राशि मिल जाएगी। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह अनुदान योजना के तहत सामूहिक विवाह में वधू एवं विवाह आयोजक संस्था को 25 हजार की राशि का अनुदान दिया जाता है, जिसमें से 21 हजार वधू के खाते में व 4 हजार संस्था के खाते में हस्तांतरित किए जाते हैं।

ऐसे मिलता है अनुदान

सरकार की योजना का लाभ लेने के लिए आयोजक संस्था को सामूहिक विवाह आयोजन से कम से कम 15 दिन पहले एसएसओ आईडी के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज के साथ आनलाइन आवेदन करना होता है। संस्था पंजीकरण के दस्तावेज, वर-वधू के आयु प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, वधू एवं संस्था की बैंक खाते की जानकारी देनी होती है। आवेदन की जांच के बाद प्रक्रिया के तहत अनुदान मिलता है। कोई भी संस्था सामूहिक विवाह सम्मेलन के लिए कम से कम 10 और अधिकतम 500 जोड़ों का विवाह कर सकती है।
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सामूहिक विवाह सम्मेलन को बढ़ावा देने के लिए सरकार देती है अनुदान

सामूहिक विवाह सम्मेलन को बढ़ावा देने के लिए सरकार वधू को 21 हजार व आयोजक संस्थाओं को 4 हजार का अनुदान देती है। पहले शादी होने पर 14 व विवाह पंजीयन के बाद शेष अनुदान की राशि देते थे, अब अनुदान की सारी राशि एकमुश्त दी जाएगी, लेकिन इसके लिए संस्था की ओर से विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र 60 दिन के भीतर देने होंगे। संस्था की ओर से ऑनलाइन पंजीयन प्रमाण पत्र मिलने पर एकमुश्त राशि खाते में डाल दी जाएगी। संस्थाओं को भी साथ में मिल जाएगी।
मनोज मीणा, उपनिदेशक, महिला अधिकारिता विभाग

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