गांव में प्रवेश करते ही मंत्री ने गलियों और सार्वजनिक स्थलों पर फैली गंदगी को देखा। लोगों ने बताया कि कई दिनों से सफाई नहीं की गई और कचरा उठाने की कोई नियमित व्यवस्था नहीं है। स्थानीय नागरिकों का कहना था कि सफाईकर्मी कभी-कभी ही आते हैं, जिससे हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सूचना पाते ही सरपंच संतोष देवी भी वहां पहुंची और मंत्री के सामने हाजिर हुई। मंत्री ने उनको सफाई करने के निर्देश दिए और कहा कि आठ दिन के अंदर-अंदर सब कुछ सही हो जाना चाहिए, नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने मौके पर ही ग्राम पंचायत और विकास अधिकारियों से जवाब-तलब किया। उन्होंने पूछा कि सफाई कार्यों के लिए स्वीकृत बजट कहां खर्च किया जा रहा है और क्यों सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। निरीक्षण के दौरान पता चला कि सफाईकर्मियों को निर्धारित वेतन से काफी कम भुगतान किया जा रहा है। इस पर मंत्री ने गंभीर नाराजगी जताई और पंचायत अधिकारियों को आदेश दिया कि सफाईकर्मियों को पूरी तनख्वाह मिले ताकि वे ईमानदारी से अपने कार्य को अंजाम दें।
मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि आगामी आठ दिनों में सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं दिखा, तो पंचायत और संबंधित विभागों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि गांव की नालियों की मरम्मत करवाई जाएए नियमित कचरा उठाने की व्यवस्था की जाए और सफाई व्यवस्था पर सख्त निगरानी रखी जाए। मंत्री के इस दौरे के बाद ग्रामीणों में उम्मीद जगी है कि अब गांव की साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाएगा और उन्हें बेहतर स्वच्छता सुविधाएं मिलेंगी। मंत्री के एक्शन के बाद से गांव के लोग खुश हैं।