दरअसल इस शादी में एक दूल्हा निकाह पढ़ने वाला था तो दूसरे दूसरा सनातनी धर्म के अनुसार सात फेरे लेने वाला था। कोटा निवासी अब्दुल रऊफ और विश्वजीत चक्रवर्ती दोनों दोस्त है और अपने बेटों की शादी भी साथ ही की। वहीं एक ही रिसोर्ट में दोनों का रिसेप्शन दिया। यूजर्स इसे
हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल बता रहे हैं तो कई दोस्ती के गुणगान गा रहे हैं। दोनों ही बचपन के दोस्त हैं और अभी बिजनेस भी साथ कर रहे हैं। दोनों के परिवार वाले एक-दूसरे के साथ घुल-मिल कर रहते हैं और एक-दूसरों के त्यहारों को धूम-धाम से बनाते हैं। इतना ही नहीं दोनों के घर भी आस-पास ही है।
एक ही छपवाया कार्ड
इतने लंबे समय से साथ में रहने के कारण दोनों के लगभग सभी रिश्तेदार एक-दूसरे को अच्छे से जानने लग गए। ऐसे में दोनों ने कार्ड भी एक ही छपवाने का फैसला किया और जैसे ही ये कार्ड लोगों ने देखा तो चकित रह गए। क्योंकि एक ही कार्ड में दोनों के न्योते हिंदी और उर्दू में थे। वहीं दोनों ने दर्शनाभिलाषी में एक-दूसरे के परिवार वालों के नाम छपवाए थे। जब एक दूल्हे की बारात निकली तो दूसरे के परिवार वाले जमकर नाचे। वहीं दूसरे दूल्हे ने निकाह पढ़ा तो बाकी परिवार वालों ने सारी जिम्मेदारी निभाई।
ऐसे हुई शादी
दोनों की शादी का रिसेप्शन 19 अप्रेल को एक ही रिसोर्ट में हुआ जिसे ‘दावत-ए-खुशी’ का नाम दिया। वहीं दोनों की शादी अलग-अलग तारीख पर हुई। अब्दुल रऊफ अंसारी के बेटे युनूस परवेज अंसारी की शादी 17 अप्रैल को हुई, जबकि विश्वजीत चक्रवर्ती के बेटे सौरभ की शादी 18 अप्रैल को हुई।