प्रारंभिक तौर पर निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार किशन रेड्डी 10 अप्रैल की सुबह रायपुर आएंगे। यहां से हेलीकॉप्टर के जरिए गेवरा हेलीपेट पहुंचेंगे। गेवरा हाउस में एसईसीएल के अधिकारियों के साथ मुलाकात कर खदान को लेकर जरूरी जानकारियां यहां से गेवरा खदान का निरीक्षण करने जाएंगे। लौटने के बाद कोयला कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। चर्चा है कि यात्रा के दौरान मंत्री रेड्डी कुसमुंडा माइंस का भी दौरा कर सकते हैं।
हालांकि अभी इसकी अधिकारिक रुप से पुष्टि नहीं हो सकी है। लेकिन स्थानीय प्रबंधन तैयारियों को पूरी करने में लगा हुआ है। शाम लगभग चार बजे रायपुर लौट जाएंगे और प्रदेश के
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करेंगे।
उम्मीद है कि इस बैठक में मंत्री गेवरा की स्थितियों से अवगत होने के बाद
छत्तीसगढ़ सरकार को जानकारी देंगे। कोयला खदान विस्तार को लेकर चर्चा भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ही एसईसीएल के सीएमडी गेवरा, दीपका और कुसमुंडा प्रवास पर आए थे। इसके बाद उन्होंने प्रदेश सरकार के आला अधिकारियों से रायपुर में मुलाकात किया था और कोयला खदान विस्तार को लेकर सहयोग मांगा था। आने वाले दिनों में कोयला कंपनी की योजना कोरबा जिले में स्थित मेगा प्रोजेक्ट गेवरा, दीपका और कुसमुंडा से कोयला खनन बढ़ाने की है।
विस्थापितों की रणनीति
इधर कोयला खदान से प्रभावित भू-विस्थापित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रणनीति बना रहे हैं। भू-विस्थापितों को प्रतिनिधि मंडल प्रवास के दौरान केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री रेड्डी से मिलने की कोशिश कर रहा है। ताकि उन्हें समस्याओं की जानकारी देकर कुछ ठोस पहल कराई जा सके।
जमीन संकट से जुझ रही कोयला खदानें
एसईसीएल की कोरबा जिले में स्थित तीनों मेगा प्रोजेक्ट जमीन के संकट से जुझ रही है। समय-समय पर कोयला कंपनी के अधिकारी प्रदेश सरकार के साथ मिलकर खनन में आ रही समस्याओं से अवगत कराते आ रहे हैं। लेकिन अभी तक इसका ज्यादा असर नहीं हुआ है।