CG Coal India: कोल इंडिया ने स्वीकार किया मजदूरों की मांग
कोयला खदानों में काम करने के लिए जनरल मजदूर के पद पर नियुक्तियां होती आई हैं। प्रारंभिक चरण में जनरल मजदूर केटेगरी-1 कहा जाता है। 5-6 साल बाद मजदूर का कार्य संतोषजनक होने पर उसे जनरल मजदूर केटेगरी-2 के पद पर पदोन्नति दी जाती है। जनरल मजदूर केटेगरी-2 के बाद पदोन्नति होने पर अन्य केटेगरी का निर्धारण होता है।
कोयला उद्योग में काम करने वाले
कर्मचारियों को अभी तक जनरल मजदूर के नाम से जाना जाता है। इसमें बदलाव की मांग कई वर्षों से श्रमिक संगठनों की ओर से की जा रही थी। इसके पीछे श्रमिक संगठनों का तर्क था कि कोयला खदान में काम करने वाले केटेगरी-1 और केटेगरी-2 श्रेणी के कामगारों को जनरल मजदूर नहीं कहा जाए, इससे उनकी भावना आहत होती है।
अब कोयला मजदूर कहे जाएंगे जनरल असिस्टेंट
मजदूर करने पर कोयला कामगारों को अच्छा नहीं लगता है। यूनियन जनरल मजदूर के नाम को बदलने के लिए अलग-अलग मंचों पर मांग कर रहे थे। जेबीसीसीआई-11 की बैठक में भी जनरल मजदूरों के नाम में बदलाव पर चर्चा की गई थी और इस पर प्रबंधन सैद्धांतिक तौर पर सहमत हुआ था।
जेबीसीसीआई-11 के एक मानिकीकरण समिति की चौथी बैठक में जनरल मजदूर के नामकरण में बदलाव पर सहमति बनी थी और जनरल मजदूर को जनरल असिस्टेंट (सामान्य सहायक) कहलाएंगे का निर्णय लिया गया था।
इस संबंध में कोल इंडिया के महाप्रबंधक श्रम शक्ति एवं औद्योगिक संबंध विभाग की ओर से शुक्रवार को एक ज्ञापन जारी किया गया। यह ज्ञापन महाप्रबंधक गौतम बनर्जी की ओर से एसईसीएल सहित सभी कोल इंडिया की सभी अनुषांगिक कंपनियों को भेजा गया है और कहा गया है कि अब जनरल मजदूर जनरल असिस्टेंट कहलाएंगे।
माइनिंग सरदार और ओवरमैन के बदलेंगे नाम
जनरल मजदूरों का पदनाम बदलने के बाद श्रमिक संगठन माइनिंग सरदार और ओवरमैन पद के नाम में भी बदलाव की मांग कर रहे हैं। यूनियन का कहना है कि आने वाले कुछ वर्षों में कोल इंडिया की ओर से इन पदों के नाम में भी बदलाव किए जाने का संकेत दिया गया है। गौरतलब है कि कोरबा जिले में स्थित
एसईसीएल की कोयला खदानों में डिप्लोमाधारी व्यक्ति को माइनिंग सरदार या ओवरमैन के तौर पर नियुक्ति दी जाती है। ओवरमैन का पद माइनिंग सरदार से बड़ा होता है।