प्रार्थी मनोज सिन्हा पिता भीखम सिन्हा की रिपोर्ट पर आर वी कम्पनी, अंबिकापुर स्पर्श एडवाइजर्स प्राईवेट लिमिटेड रायपुर के फाउंडर अभय कुमार गुप्ता, रागीव हुसैन, मनोज प्रधान सुरेन्द्र करियाम एवं अन्य के द्वारा कई लोगों को अधिकतम लोन दिलाने का तथा उसका ईएमआई कंपनी द्वारा चुकाने का झांसा देकर करीब 28 लोग एंड अन्य पीडिंतों के साथ धोखा देकर लोन सेन्सन कराया गया है।
28 लोगों से हुई ठगी
आरोपियों द्वारा ऐसे व्यक्ति जिन्हे लोन की जरूरत हो या कोई बैंक लोन नहीं देते, जिनका पहले भी लोन चल रहा है उनको लोन क्लोज करके लोन दिया जायेगा बोलकर आर वी कम्पनी अम्बिकापुर एवं
रायपुर स्पर्श एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कई बैंकों से टाईअप कर लोगों से पैन कार्ड, आधार कार्ड, सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, फार्म न. 16 इत्यादि लोगों से लेकर घर बैठे बगैर बैंक गए पर्सनल लोन शैक्शन कराया जाता एवं प्राप्त का 50 प्रतिशत राशि को आईटीजीएस यूपीआई चेक, नगद माध्यम से पीड़िताें से लिया गया।
उन्हें सैन्सन लोन का ईएमआई कंपनी द्वारा पटाया जाएगा बोलकर 28 लोगों से 3.72.50,327 करोड़ रूपये धोखाधड़ी किया गया है। रिपोर्ट पर प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये थाना कांकेर से विशेष टीम गठित एवं सायबर सेल की टीम तैयार कर आरोपियों की पत्तासाजी किया गया।
ये आरोपी गिरफ्तार
प्रकरण में अभय कुमार गुप्ता उर्फ अभय कांत गुप्ता पिता अजय कति गुप्ता निवासी तखनपुर सरगुजा, मनोज कुमार भगत पिता स्व. दिलमजन भगत निवासी अम्बिकापुर, रागीच हुसैन उर्फ वासु पिता अफसर हुसैन निवासी लखनपुर सरगुजा, सुरेन्द्र सिंह कडियाम पिता धरम सिंह कड़ियाम निवासी शिवनगर पोस्ट तारा जिला सुरजपूर, नेक राम सिन्हा पिता झाडू राम सिन्हा निवासी चारामा जिला कांकेर, विभा वर्मा पिता लेखराम वर्मा निवासी शिवानंद नगर थाना खमतराई रायपुर, पूजा यादव पिता खेदु राम यादव निवासी ग्राम सिलघट जिला बेमेतरा को गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर आरोपियों द्वारा धोखाधड़ी की रकम को ट्रेडिग शेयर मार्केट क्रिप्टो करेंसी फोरक्स एवं अन्य सेक्टर में लगना बताया गया एवं लगभग 1.5 करोड़ रुपये लेकर फरार होना बताया।
प्रकरण के अन्य 6 आरोपियों की लगातार पतासाजी की जाती है। प्रकरण में आर वी कम्पनी, अंबिकापुर स्पर्श एडवाईजर्स प्राईवेट लिमिटेड से जुड़े दस्तावेजों की जब्ती कार्यवाही किया गया है। प्रकरण में आरोपियों के बैंक खातों को सौज करवाया गया है।
प्रकरण में टाईअप बैंकों एचडीएफसी, आईसीआईसी, बंधन, एक्सिस, आईडीएफसी, येस, कोटक बैंक एवं बरोदा एवं प्राइवेट फाइनेंस कम्पनियाँ आदित्य बिड़ला, चोला मंडलम, बजाज फाईनेस के मैनेजर एंव फील्ड आफिसर्स की भूमिका की जांच की जानी शेष है। धोखाधड़ी करने वाले कंपनियों से संबधित दस्तावेजी की जप्ती कार्यवाही कर जाव करना शेष है।