लेकिन जब सैन्य सम्मान के बजाय सामान्य वाहन (जीप्सी) में पार्थिव शरीर लाया गया और सैन्य ट्रक एवं बटालियन नहीं पहुंची तो ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। उन्होंने टोल प्लाजा पर धरना दे दिया और करीब चार घंटे तक धूप में बैठे रहे। ग्रामीणों ने सैनिक को शहीद दर्जा और गार्ड ऑफ ऑनर दो’’ के नारों के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया।
प्रशासन आया हरकत में
स्थिति को देखते हुए प्रशासन हरकत में आया। मौके पर सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष बलदेव चौधरी, एसडीएम गजेन्द्र शर्मा, तहसीलदार हातिम खान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ब्रजराज सिंह, पुलिस उपाधीक्षक संग्राम सिंह पहुंचे और ग्रामीणों से संवाद किया।
वहीं, सेना के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और उच्चाधिकारियों से बातचीत के बाद गार्ड ऑफ ऑनर का आश्वासन दिया। इसके बाद पोकरण से सेना की एक बटालियन सैन्य ट्रक में पहुंची और पार्थिव देह को गांव ले जाया गया। फलोदी-नागौर राजमार्ग से शव श्रीकृष्णनगर धर्मादा टांका लाया गया।
बंद रहे प्रतिष्ठान
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भोजासर थाना अधिकारी अशोक विश्नोई और चाखु थाना अधिकारी रामेश्वर कुमार ओला मय जाप्ता मौके पर मौजूद रहे। शोक में श्रीलक्ष्मणनगर और श्रीकृष्णनगर के व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरे दिन बंद रहे। दो वर्षीय बेटी ने दी मुखाग्नि
शहीद रामचन्द्र का विवाह 2021 में हुआ था। वे 2019 से भारतीय सेना की 125 टीए बटालियन में सिपाही के पद पर कार्यरत थे। उनके अंतिम संस्कार में भावुक क्षण उस समय आया जब उनकी दो वर्षीय पुत्री ने उन्हें मुखाग्नि दी। यह दृश्य देख उपस्थित सैकड़ों लोग भावुक हो उठे। हर किसी की आंखों से आसूं छलक पड़े।
तिरंगा यात्रा और भावुक माहौल
जैसे ही सैन्य सम्मान की पुष्टि हुई, आसपास के 30-35 गांवों से आए युवाओं ने ’’जब तक सूरज चांद रहेगा, रामचन्द्र तेरा नाम रहेगा’’ जैसे नारों के साथ तिरंगा यात्रा निकाली। पूर्व विधायक किशनाराम विश्नोई, छात्र नेता अभिषेक चौधरी, बापिणी प्रधान बस्तीराम मेघवाल, उप-प्रधान दिलीप चौधरी, अनोप सिंह जोधा, चाडी सरपंच रामसिंह राठौड़, श्रीलक्ष्मणनगर सरपंच राजाराम सियाग, पूर्व सरपंच प्रवीण मदेरणा, चपालाल गोरछिया, रमेश सियाग, अधिवक्ता प्रवीण मदेरणा, श्याम गोरछियां समेत बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।