पिछले तीन विधानसभा चुनाव का गणित
- 74.46 प्रतिशत वोट वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में पड़े।
- 62.27 प्रतिशत मतदान वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में हुआ, यानि करीब 12 प्रतिशत मतदान का अंतर रहा।
- 74.65 प्रतिशत मतदान इसके बाद 2018 के विसं चुनाव में हुआ। यानि मतदान फिर विसं चुनाव के औसत के बराबर आ गया।
- 67.69 प्रतिशत मतदान वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में रह गया। यानि तीन महीने में ही फिर से करीब 7 प्रतिशत मतदान घटा।
- 72.67 प्रतिशत वोट वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में पड़े हैं। यानि विसं चुनावों में 70 प्रतिशत से ज्यादा का औसत फिर आ गया। अब फिर से लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान प्रतिशत कम रहने के संकेत मिले हैं।
आकलन सिर्फ आठ विसं क्षेत्रों का
मतदान प्रतिशत का यह आकलन आठ विसं क्षेत्रों का किया गया है जो कि जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में आते हैं। इनमें सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत वाला क्षेत्र पोकरण है। यहां विसं चुनाव में मतदान 87 प्रतिशत से अधिक रहता है, लेकिन लोस चुनावों में यह घटकर 70 के करीब आ जाता है। इसके अलावा सबसे कम उत्साह शहर की जनता दिखाती है। तीनों शहरी विसं क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत औसत 65 से कम रहता है।फलोदी– 73.91– 59.99– 76.46– 64. 52– 68.77
लोहावट– 76.68– 54.66– 79.20– 67.49– 77.31
शेरगढ़– 79.31– 59.51– 78.94– 65.55– 74.83
सरदारपुरा– 69.51– 64.21– 67.09– 68.08– 65.68
जोधपुर– 64.71– 63.24– 64.50– 65.85– 65.64
सूरसागर– 68.02– 66.32– 67.14– 68.80– 69.09
लूणी– 76.28– 62.11– 75.82– 67.63– 72.32
औसत– 74.46– 62.27– 74.65– 67.69– 72.67