स्कूल या कॉलेज से लीक हो रहा डाटा
यह धमकी भरे कॉल अधिकांशत: ऐसे लोगों को ही किए जा रहे हैं, जिनके बेटे या बेटी दूसरे शहरों में पढ़ाई कर रहे हैं। संबंधित स्कूल या कॉलेज से डाटा हासिल करने से साइबर ठगों तक छात्र या छात्रा के परिजन के मोबाइल नम्बर व अन्य जानकारी हासिल हो जाती है। उसी के आधार पर वे परिजन को सटीक जानकारी के साथ कॉल करते हैं।बेटा नहीं है, फिर भी धमकाया कि बेटा गिरफ्तार हुआ है
चौपासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी एक व्यक्ति के व्हाट्सएप पर बुधवार को 92 नम्बर से कॉल आया था। कॉल उठाते ही बदमाश ने कहा कि आपके बेटे सहित उसके साथ चार अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है। जवाब में प्रेम ने कहा कि उनका तो बेटा ही नहीं है। बेटी है। तब ठग ने दामाद को गिरफ्तार करने की जानकारी दे दी, जबकि कॉल के दौरान दामाद पास ही बैठे थे।बेटे का अपहरण कर लिया गया है, रुपए जमा करवाएं
महामंदिर क्षेत्र में एक महिला के पास पिछले दिनों कॉल आया कि आपका बेटा कॉलेज में पढ़ता है। उसका अपहरण कर लिया गया है। उसे छुड़ाने के लिए रुपए ट्रांसफर करवाने होंगे। यह सुन एकबारगी महिला घबरा गई। उसने घरवालों को अवगत कराया। फिर पुत्र को कॉल किया गया तो वह सुरक्षित था। उसका अपहरण नहीं किया गया था।पुलिस अधिकारी की फोटो लगाकर धमकाने का प्रयास
साइबर ठगी के लिए आमजन को झांसे में लेने के लिए कई तरीके आजमाए जा रहे हैं। ऐसे धमकी भरे कॉल करने वालों के व्हाट्सएप की प्रोफाइल फोटो में पुलिस अधिकारी होता है। ताकि यह फोटो देखकर कॉल रिसीव करने वाला आसानी से झांसे में फंस जाए और ठग आसानी से बैंक खाता साफ कर लें।ऐसे कॉल आएं तो पहले बेटे-बेटी से तुरंत बात करें
- ऐसे धमकी भरे कॉल आने पर उनकी बातों पर भरोसा न करें। फोन काटकर सबसे पहले बेटे या बेटी को कॉल कर वैरिफाई जरूर करें।
- साइबर ठग अधिकांशत: कॉल ऐसे समय करते हैं जब स्कूल-कॉलेज में कोई एक्टिविटी चल रही हो या छुट्टी होने का समय हुआ हो। ताकि उस दौरान बेटे-बेटी को कॉल करें तो सम्पर्क न हो पाएं। यदि बात नहीं होती
है तो तुरंत उसकी नजदीकी मित्र या सहपाठी से अवश्य वैरिफाई किया जाए।
बेटे या बेटी से बात कर वैरिफाई करें, मनी ट्रांसफर न करें…
साइबर ठगों ने आमजन से रुपए वसूलने का नया तरीका निकाला है। दूसरे शहर की स्कूल या कॉलेज में पढ़ने वाले बेटे या बेटी के अपहरण या गिरफ्तार किए जाने की सूचना देते हैं। बदले में मनी ट्रांसफर करवाने का प्रयास करते हैं। इनकी बातों में आने और कोई भी कदम उठाने से पहले बेटे या बेटी को कॉल कर वैरिफाई अवश्य करें। विद्यार्थियों का सम्पूर्ण डाटा स्कूल या कॉलेज से लीक होते हैं।प्रिया सांखला, साइबर विशेषज्ञ, जोधपुर