थानाधिकारी गंगाराम ने बताया कि मूलत: बोरूंदाथानान्तर्गत गढ़ सूरिया में मेघवालों का बास हाल रमजान का हत्था में एकता नगर निवासी अर्जुनराम पुत्र गुमानराम मेघवाल ने कोर्ट में पेश इस्तगासा के आधार पर 24 जनवरी को रामकिशोर मेघवाल व उसके पिता जबराराम के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। जांच में आरोप प्रमाणित साबित हुए थे। एएसआइबींजाराम के नेतृत्व में कांस्टेबल राजेन्द्र, पप्पूराम, सूरजाराम व शक्तिसिंह ने तलाश के बाद पीपाड़ शहर में जालखा गांव निवासी रामकिशोर (28) पुत्र जबराराम मेघवाल को गिरफ्तार किया गया। पिता की भूमिका की जांच की जा रही है। आरोपी से रुपए व अन्य सामग्री बरामद करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जुए में हारा तो ऑनलाइन गेम में डूबा
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी रामकिशोर 12वीं तक पढ़ा है। वह फोटोग्राफी करता था। उसने सेना में भर्ती के प्रयास किए थे, लेकिन सफल नहीं हुआ था। फिर उसे ऑनलाइन गेम की लत गई थी। वह रुपए हारने लग गया। फिर वह जोधपुर छोड़कर बाहर चला गया था और फोटोशॉप सॉफ्टवेयर से असम राइफल्स की वर्दी पहने खुद की फोटो बना ली। जिसे दोस्तों को भेजी और सेना में नौकरी लगाने का झांसा देने लगा। ऑनलाइन गेम में रुपए हारने की वजह से उसने परिचित, रिश्तेदारों और दोस्तों को सेना में नौकरी लगाने का झांसा देकर एक करोड़ से अधिक रुपए ऐंठ लिए। उसके खिलाफ जालोर के नोसरा थाने में नौकरी लगाने का झांसा देकर छह लाख रुपए ऐंठने का मामला दर्ज है।
सात लाख ऑनलाइन, तीन लाख नकद दिए थे
आरोपी रामकिशोर ने 17 मई, 2023 को अर्जुनराम को कॉल कर छोटे भाई की असल राइफल्स में वारंट ऑफिसर की नौकरी लगाने का झांसा दिया था। उसने 10 लाख रुपए मांगे थे। उसकी बातों में आकर अर्जुन ने किस्तों में सात लाख रुपए ऑनलाइन दिए और फिर रामकिशोर व उसके पिता के जोधपुर आने पर 6 फरवरी, 2024 को तीन लाख रुपए नगद दिए थे। जॉइनिंग लेटर को एडिट करके फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर बनाए थे और असम के गुवाहाटी से पीडि़त को भेज दिए थे। ज्वॉइनिंग के लिए पीडि़त व उसके भाई को असम के दिमापुर बुला लिया था। पकड़े जाने के डर से फर्जी प्रक्रिया रद्द होना बताकर दोनों को ट्रेन से जोधपुर भेज दिया था। उन्हें जॉइनिंग लेटर किसी को भी दिखाने से मना कर दिया था। इससे पीडि़त को उस पर संदेह हो गया था। रुपए वापस न करने पर पीडि़त ने कोर्ट से एफआइआर दर्ज करवाई थी।