वर्ष 2024 में पश्चिमी राजस्थान में 71 और पूर्वी राजस्थान में 47 प्रतिशत अधिक हुई बारिश
गौरतलब है कि पिछले साल 108 प्रतिशत बारिश हुई थी। वर्ष 2024 में पश्चिमी राजस्थान में 71 प्रतिशत (283 मिमी की जगह 486 मिमी) और पूर्वी राजस्थान में 47 प्रतिशत (626 की जगह 920 मिमी) अधिक बारिश हुई। देश में सर्वाधिक बारिश सौराष्ट्र क्षेत्र में सामान्य से 75 प्रतिशत अधिक हुई। गत वर्ष पूरे देश में 108 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। सर्वाधिक बारिश 119 प्रतिशत मध्य भारत में हुई।आइस अल्बिडो फीडबैक का है कमाल
इस साल जनवरी से लेकर मार्च तक उत्तरी गोलार्द्ध मसलन यूरेशिया, उत्तरी अमरीका और ग्रीनलैण्ड में बर्फ कम हुई है। उत्तरी गोलार्द्ध में मार्च में सातवीं बार कम बर्फ रिकॉर्ड की गई। बर्फ कम होने से यह सूरज की रोशनी को कम परावर्तित करती है, जिससे महासागरों के तापमान में बढ़ोतरी नहीं होती है। इस घटना को वैज्ञानिक भाषा में आइस अल्बिडो फीडबैक कहते हैं। इससे मानसून पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस बार भारतीय मौसम विभाग ने भी इसे प्रमुखता से सकारात्मक मानसून के कारणों में शामिल किया है।राजस्थान में ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव हो सकते हैं निरस्त, कलक्टरों को जारी किए गए निर्देश, जानें क्यों
कहां-कहां अच्छी बारिश की उम्मीद
वैसे तो पूरे प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश होगी लेकिन कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां झमाझम मेघ बरसेंगे यानी सामान्य से 50 प्रतिशत से अधिक बारिश होगी। 1- जैसलमेर और फलोदी जिला, जोधपुर का पूर्वी हिस्सा।2- जयपुर, सीकर और झुंझनूं का क्षेत्र।
3- भीलवाड़ा, चितौड़गढ़, बूंदी का हिस्सा।
4- उदयपुर, सिरोही बॉर्डर, नागौर व डीडवाना क्षेत्र।
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अधिकांश फैक्टर पॉजिटिव
इस साल मानसून को प्रभावित करने वाले अधिकांश फैक्टर पॉजिटिव हैं, जिसके कारण मानसून अच्छा रहने की उम्मीद है।एके कुलश्रेष्ठ, ग्रुप कैप्टेन, भूतपूर्व कमांड मौसम अधिकारी, भारतीय वायुसेना