Water Crisis: जल संकट के मुहाने खड़ा है राजस्थान का यह बड़ा शहर, 20 मई तक इंदिरा गांधी नहर में नहीं आएगा पानी
Water Crisis in Jodhpur: हरिके बैराज के गेट बंद, आस-पास की 12 डिग्गियां भी पूरी नहीं भरी, जोधपुर शहर में क्लोजर के अंतिम दिनों में ज्यादा गहरा सकता है जल संकट
राजस्थान का जोधपुर शहर अब जल संकट के मुहाने पर खड़ा है। पहले से ही शहर में पानी की किल्लत है। अब सोमवार दोपहर 12 बजे से हरिके बैराज के गेट बंद कर दिए गए हैं। इससे इंदिरा गांधी नहर में सप्लाई बंद हो गई है। नहर में वापस सप्लाई 21 मई से शुरू होगी। इस बीच अब पानी की आपूर्ति पूर्व में नहर में स्टोरेज हुए पानी से की जा सकेगी। इससे अब शहर में पानी की किल्लत बढ़ेगी।
वर्तमान में क्लोजर के दौरान ही शहर में पानी आपूर्ति पूरी नहीं हो रही है। इस बीच अब हरिके बैराज के गेट बंद होने से नहर में जो पानी आ रहा था वो भी अब बंद हो गया है। इससे अब शहर की आपूर्ति सिर्फ नहर में पड़े हुए पानी से होगी। इधर, गर्मियों के सीजन में पानी की मांग बढ़ने से भी आपूर्ति भी पूरी नहीं हो पा रही है। हालांकि पीएचईडी के अधिकारियों का कहना है कि पहले 20-22 दिन इंदिरा गांधी मुख्य नहर में पोंडिंग किए गए पानी से सप्लाई की जाएगी। उसके पश्चात डिग्गियों में एकत्रित पानी से नहर बंदी समाप्त होने तक सप्लाई की जाएगी।
पानी की डिग्गियां तक नहीं भरी
पीएचईडी ने कायलाना और तखतसागर के जल स्तर को बढ़ाने के लिए पोंडिंग से पहले ही सुरपुरा तक नहर से जाने वाले पानी को कम कर दिया था। इससे अब सुरपुरा का लेवल निरंतर कम होता गया। हालांकि यह कार्य क्लोजर के तीस दिन बाद किया जाता है, लेकिन इस बार पीएचईडी ने इसे क्लोजर के शुरुआती दौर में ही शुरू कर दिया है। इससे जो पानी की डिग्गियां भरनी थी वो भी अभी तक पूरी तरह से नहीं भरी हैं।
दरअसल, कायलाना और तखतसागर को भरने के लिए इस बार पीएचईडी ने क्लोजर के 12 दिन बाद ही पोंडिंग का कार्य शुरू कर दिया है। इससे इंदिरा गांधी नहर से आने वाले पानी से फलोदी और जोधपुर जिले की कुल 12 डिग्गियों में पूरा पानी नहीं भरा है। हालांकि पीएचईडी शहर वृत्त के एसई राजेंद्र मेहता के अनुसार इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन एक्सपर्ट के अनुसार क्लोजर के अंतिम दिनों से इससे शहर में जल संकट गहराएगा।
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इधर, शहर में बढ़ी पानी की डिमांड
गर्मी शुरू होते ही शहर में पानी की डिमांड बढ़ती जा रही है। पीएचईडी अधिकारियों के अनुसार पहले जोधपुर में कुल 14 एमसीएफटी पानी से आपूर्ति हो जाती थी। अब गर्मी बढ़ने के साथ ही 15 एमसीएफटी तक डिमांड हो गई है। इधर, कायलाना और तखतसागर में वर्तमान में 295 एसीएफटी पानी है। जबकि इस समय तक दोनों ही प्रमुख जलस्रोतों में 340 एमसीएफटी पानी होना चाहिए था।
अब 2-3 एमसीएफटी पानी मिलेगा कम
हरिके बैराज के गेट बंद होने से अब नहर में पानी आएगा नहीं। इससे अब कम से कम 3 एमसीएफटी पानी कम मिलेगा। जबकि पहले से ही 2 एमसीएफटी पानी कम मिल रहा था। इससे अब दोनों ही जलस्रोतों में महज 10 एमसीएफटी पानी आएगा। जबकि जोधपुर की डिमांड गर्मियों में 15 एमसीएफटी है। इससे अब शहर में जल संकट गहराने की स्थिति बनेगी।