नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राजे के सहारे सरकार पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर लिखा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का यह ट्वीट भाजपा सरकार की सच्चाई उजागर करने के लिए काफी है, कितनी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी।
‘राजे’ के सहारे ‘जूली’ ने लगाए आरोप
उन्होंने आगे लिखा कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी की सरकार के बावजूद पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी बात मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कहनी पड़ रही है। जब भाजपा की ही पूर्व मुख्यमंत्री इस सरकार के अधिकारियों के सामने इतनी मजबूर हैं तो आमजन की स्थिति समझी जा सकती है।
राजे ने अफसरों की लगाई क्लास
वसुंधरा राजे ने अफसरों की क्लास लगाते हुए कहा कि क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ़ आप अफ़सरों को ही लगती है। गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है।अफ़सर तृप्त है। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुँचे। अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूँगी। उन्होंने रायपुर कस्बे के ग्रामीणों की पेयजल संकट की शिकायत पर जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को त्वरित समाधान के सख्त निर्देश दिए। ‘पाई-पाई का हिसाब दो’- वसुंधरा
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पेयजल को लेकर ग्रामीणों की शिकायत पर असफरों से सवाल-जवाब किए। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दियें हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया?
उन्होंने आगे कहा कि पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल है। यह तो अप्रेल का हाल है। जून-जुलाई में क्या होगा? अधीक्षण अभियंता सहित उपस्थित कोई भी अधिकारी मुझे संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। झालावाड़ में ऐसा हरगिज नहीं चलेगा।