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झालावाड़

दो साल बाद भी निर्माण शुरू नहीं, 6100 करोड़ की परियोजना अब भी फाइलों में

-अंतिम स्वीकृति के इंतज़ार में कालीसिंध थर्मल की तीसरी यूनिट

झालावाड़Apr 22, 2025 / 11:26 am

harisingh gurjar

-अंतिम स्वीकृति के इंतज़ार में कालीसिंध थर्मल की तीसरी यूनिट

एक्सक्लूसिव

हरिसिंह गुर्जर

झालावाड़। राजस्थान के ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोलने वाली कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की तीसरी यूनिट की स्थापना ठंडे बस्ते में है। इसकी घोषणा दो वर्ष पूर्व की गई थी, लेकिन 800 मेगावाट क्षमता वाली यह अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई आज भी सिफऱ्कागज़ों में सिमटी हुई है। पर्यावरण स्वीकृति के लिए बैठक के बाद इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो पाई है।
गत 24 सितंबर को थर्मल प्रशासन और राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जनसुनवाई की थी। साथ ही पर्यावरण समिति की बैठक में परियोजना पर चर्चा की गई थी। जनसुनवाई में कई सुझाव और आपत्तियां सामने आई थीं, जिनका समाधान स्थानीय प्रशासन और राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने कर लिया है। इसके साथ ही जनसुनवाई भी पूर्ण हो चुकी है। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड द्वारा परियोजना का पर्यावरणीय अध्ययन पूरा किया गया है और इसे सैद्धांतिक मंजूरी भी प्राप्त हो चुकी है। अब केवल अंतिम वित्तीय और नीति स्तर की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है।

क्या है अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक

अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक पारंपरिक थर्मल यूनिट्स की तुलना में लगभग 5 प्रतिशत अधिक ऊर्जा दक्षता प्रदान करती है। इसका मतलब है, कम कोयले की खपत में अधिक बिजली उत्पादन। यह तकनीक ऊर्जा क्षेत्र में पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए उत्पादन बढ़ाने का आधुनिक तरीका मानी जाती है। कालीसिंध थर्मल की तीसरी यूनिट राजस्थान की पहली ऐसी इकाई होगी जो इस अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी।

बनने जा रहा है ऊर्जा हब

इस यूनिट के शुरू होने पर झालावाड़ जिले की कुल बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 2000 मेगावाट हो जाएगी। यह उपलब्धि झालावाड़ को राज्य के प्रमुख ऊर्जा केंद्रों में शामिल कर सकती है। इसके अलावा परियोजना सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे जिले के आर्थिक विकास को भी नया बल मिलेगा।

परियोजना की प्रमुख विशेषताएं

कुल अनुमानित लागत -6100 करोड़

कुल क्षमत-ा 800 मेगावाट

भूमि उपलब्धता- 2300 बीघा थर्मल परिसर में

जल स्रोत- 1900 एमसीएफटीए उपयोग मात्र 1200 एमसीएफटी

रेल संपर्क- प्रस्तावित भोपाल रेल लाइन से सीधा संपर्क
जल संग्रहण- 10 लाख क्यूबिक मीटर क्षमता का तालाब मौजूद

रोजगार- लगभग 1200 नए रोजगार सृजन की संभावना

” तीसरी यूनिट को लेकर पर्यावरण समिति की बैठक हो चुकी है। उसमें कुछ सवाल थे,उनका समाधान कर दिया गया है। सॉइल सर्वे हो चुका है। प्रोजेक्ट कंसल्टेंसी का काम चल रहा है। हमारे पास पर्याप्त पानी व जमीन है। यूनिट लगाने का प्रोसेस चल रहा है।

देवेन्द्र श्रृंगी, सीएमडी ऊर्जा विभाग जयपुर

 

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