स्वच्छता की अनदेखी पड़ेगी भारी, सर्वेक्षण हुआ तो फिर गिरेगी रैकिंग
जिला मुख्यालय जांजगीर में नपा क्षेत्र में साफ-सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। साफ-सफाई जैसी बुनियादी समस्या बनी हुई है। समय रहते यदि ध्यान न दिया गया तो होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में यह स्थिति रैंकिग को और गिराने वाली होगी।


स्वच्छता की अनदेखी पड़ेगी भारी, सर्वेक्षण हुआ तो फिर गिरेगी रैकिंग
जांजगीर-चांपा. अब तक हुए स्वच्छता रैंकिंग में भी शहर की स्थिति अच्छी नहीं रही है। स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो गिरते क्रम का फासला और बढ़ जाएगा। शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन हो रहा है लेकिन सभी वार्डों में नियमित रुप से गाड़ी नहीं पहुंच पाती। नालियां कचरे से जाम हैं। साफ-सफार्ई पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में यदि स्वच्छता सर्वे टीम इन क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंची तो इस बार रैंकिंग और गिरने की आशंका है।
कभी भी आ सकती है टीम
वर्ष 2023 का सर्वेक्षण जारी है, लेकिन अब तक स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम शहर में नहीं आई है। जनवरी-फरवरी तक टीम आ जाती है, पर इस साल देरी हो रही है। अब तक टीम नहीं पहुंच पाई है। हालांकि बताया जा रहा है कि अब टीम कभी भी आ सकती है। आने में देरी हो रही है इसलिए इसका रिजल्ट भी दिसंबर तक आने की उम्मीद है।
गीला-सूखा कचरे का फार्मूला भूले लोग
स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक लाने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। इसके लिए एक अभियान चलाने की जरूरत है, जिससे लोग भी स्वच्छता के प्रति जागरूक हो सकें। वर्तमान में लोग गीला और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं रखते हैं। इसे एक डाल देते हैं। कहीं भी घर का कचरा बाहर निकाल कर फेंक दे रहे हैं। इससे रैंकिंग में भी खासा असर अड़ता है। इसके अलावा दुकान, संस्थानों, स्कूलों, सरकारी दफतरों समेत अन्य संस्थाओं में अभियान चलाकर जागरूक करना होगा।
शहर में साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर नियमित रुप से फोकस किया जा रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण २०२३ को लेकर तैयारी जारी है। जहां कमियां नजर आ रही है, उसे दुरुस्त करा रहे हैं। अच्छे रैंक को लेकर काम कर रहे हैं। शहरवासियों का सहयोग भी इसमें जरुरी है।
चंदन शर्मा, जांजगीर-नैला
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