scriptविश्व पुस्तक दिवस: साहित्य से कॅरियर तक, बदल रहा किताबों का रूप | World Book Day: From literature to career, the form of books is changing | Patrika News
जैसलमेर

विश्व पुस्तक दिवस: साहित्य से कॅरियर तक, बदल रहा किताबों का रूप

आज का दौर ज्ञान और नई-नई तकनीकी के विकास और उसे अपनाने का है। मौजूदा समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का असर हर कहीं देखने को मिल रहा है।

जैसलमेरApr 22, 2025 / 08:24 pm

Deepak Vyas

jm
आज का दौर ज्ञान और नई-नई तकनीकी के विकास और उसे अपनाने का है। मौजूदा समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का असर हर कहीं देखने को मिल रहा है। एक तरफ युवा क्लासिक साहित्य से लेकर दर्शनशास्त्र, कविता-शायरी आदि की पुस्तकों से दूर होता नजर आ रहा है, वहीं दूसरी ओर कॅरियर निर्माण के लिए वह गाइड बुक्स से लेकर अन्य सामग्री में खुद को झोंक भी रहा है। युवाओं में ई-बुक्स, ऑडियो बुक्स और ऐप्स से पढ़ाई करने का चाव निरंतर बढ़ रहा है। गौरतलब है कि इस बार विश्व पुस्तक दिवस की थीम च्अपने तरीके से पढ़ेंज् रखी गई है। जैसलमेर के सबसे व्यस्त हनुमान चौराहा पर अवस्थित जिला पुस्तकालय में प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में युवा अध्ययन के लिए पहुंच रहे हैं। यहां अलमारियों में करीने से रखी हजारों साहित्य, इतिहास, समाजशास्त्र, दर्शन आदि की पुस्तकें है। युवा कॅरियर में काम आने वाली गाइड बुक्स, समाचार पत्रों व मैगजीन से लेकर अन्य सामग्री का अध्ययन करते नजर आते हैं। इसके अलावा इंटरनेट का इस्तेमाल कर अपने मोबाइल फोन या टेबलेट आदि पर नौकरी का सपना साकार करने की अध्ययन सामग्री को टटोलते दिखते हैं।

70 लाख के खर्च से संवरा पुस्तकालय

  • विगत वर्षों में एक निजी कम्पनी के सीएसआर फंड से करीब 70 लाख रुपए खर्च कर जिला पुस्तकालय को पाठक फ्रेंडली और आधुनिक बनाया जा चुका है।
  • पुस्तकालय में नियमित रूप से पढऩे आने वालों में जहां बुजुर्ग और प्रौढ़ लोग अखबार व क्लासिक साहित्य की पुस्तकें पढ़ते हैं। वहीं युवा वर्ग प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पत्र-पत्रिकाओं को पढऩे के प्रति रुझान दिखाता है।
  • पुस्तकालय में साहित्य, संस्कृति, विज्ञान, तकनीकी, भाषा सहित कला से जुड़े तमाम आयामों से जुड़ी करीब 47 हजार पुस्तकें संग्रहित हैं।

पुस्तकालय पर एक नजर

-जिला पुस्तकालय में युवक-युवतियां नियमित तौर पर अपनी जरूरत का अध्ययन करने पहुंचते हैं। पुस्तकालय के कनिष्ठ सहायक हजाराराम परिहार ने बताया कि लडक़ों के साथ लड़कियों की भी अच्छी आमद रहती है।
  • सालाना 100 रुपए से भी कम खर्च में युवा वर्ग यहां का सदस्य बनकर रोजाना करीब 8 घंटे तक पूर्ण सुविधायुक्त माहौल में अध्ययन कर सकता है।
  • पुस्तकालय में नई मेज-कुर्सियों के साथ बड़ी सेंट्रल टेबल रखी गई है और मुख्य हॉल में सभी किताबों को नई अलमारियों में करीने से रखा गया है, ताकि उनका अवलोकन आसानी से किया जा सके।
  • ऊपरी मंजिल पर दोनों बड़े कमरों में से एक को हाइटेक बनाया गया है। दूसरे कमरे में युवाओं को पढऩे की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को यहां लॉकर्स की सुविधा भी है।
  • भाषा और पुस्तकालय विभाग की ओर से संचालित पुस्तकालय में करीब 47 हजार पुस्तकें हैं। कोलकाता के राजा राममोहन राय पुस्तकालय की तरफ से सबसे ज्यादा किताबें मुहैया करवाई जाती है।

फैक्ट फाइल –

  • 1961 में हुआ जिला पुस्तकालय स्थापित
  • 47 हजार पुस्तकें पाठकों के लिए उपलब्ध
  • 70 लाख रुपए से पुस्तकालय का करवाया गया जीर्णोद्धार

पुस्तकों से करें दोस्ती

युवाओं को पुस्तकों से दोस्ती करने की जरूरत है। पुस्तकें हर किसी के लिए अनमोल साथी होती हैं। इन्हीं से जीवन में आगे बढऩे का रास्ता मिलता है। पुस्तकें व्यक्ति के चारित्रिक विकास का सर्वोत्तम साधन है।
  • डॉ. गौरव बिस्सा, मोटिवेशनल स्पीकर

गहरे ज्ञान का स्रोत

पुस्तकों के अध्ययन से जीवन मूल्यों का सहज रूप में विकास होता है। कॅरियर निर्माण के लिए प्रयासरत युवाओं को भी पुस्तकों से ही विषय का गहराई से ज्ञान प्राप्त हो सकता है। किसी भी स्तर के विद्यार्थी को स्क्रीन टाइम कम कर कागज पर मुद्रित पुस्तकों के अध्ययन का समय बढ़ाना चाहिए।
  • आलोक थानवी, कॅरियर काउंसलर

Hindi News / Jaisalmer / विश्व पुस्तक दिवस: साहित्य से कॅरियर तक, बदल रहा किताबों का रूप

ट्रेंडिंग वीडियो