पर्यटकों भी मायूस
जयपुर से आए पर्यटक निखिल माथुर का कहना है कि सोनार दुर्ग देखने आए हैं। यहां घाटियों में फिसलन के कारण हर कदम संभल-संभलकर रखना पड़ रहा है। घाटियों की बेहतर सफाई और इनकी धुलाई करने की जरूरत है। उदयपुर की प्रियंका चौहान का कहना है कि घाटियों पर चढ़ते हुए हर कदम डर के साथ रखना पड़ा रहा है। यहां जल्द सफाई व पानी से धुलाई नहीं की तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
स्थानीय निवासियों की पीड़ा
दुर्गवासियों की पीड़ा है कि घाटियों पर जमा गुलाल की परत के कारण ये चिकनी हो गई हैं। अब तक कई दुपहिया वाहन चालक फिसल चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं गया है। दुर्गवासियों का मानना है कि दुर्ग की घाटियों की भली-भांति सफाई और पानी से धुलाई जरूरी है। इससे न केवल फिसलन से होने वाले हादसों को रोका जा सकेगा।