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जैसलमेर

सोनार दुर्ग की घाटियों पर अब भी गुलाल की परत, बेहतर सफाई व धुलाई की दरकार

स्वर्णनगरी के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की चिकनी घाटियों पर होली के दौरान बिखरी गुलाल की परत अभी तक जमी हुई है, जिससे दुपहिया वाहन चालकों, स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के फिसलने का सिलसिला जारी है।

जैसलमेरMar 16, 2025 / 08:36 pm

Deepak Vyas

jsm
स्वर्णनगरी के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की चिकनी घाटियों पर होली के दौरान बिखरी गुलाल की परत अभी तक जमी हुई है, जिससे दुपहिया वाहन चालकों, स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के फिसलने का सिलसिला जारी है। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं गया है, जिससे लोगों में रोष है। गौरतलब है कि हवा प्रोल, सूरज प्रोल और अखे प्रोल की सर्पिलाकार घाटियों में फिसलन इतनी बढ़ चुकी है कि राहगीरों और दुपहिया वाहन चालकों को हर कदम संभलकर रखना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी मुकेश कुमार, राकेश, ललित का कहना है कि घाटियों से हर दिन सैकड़ों लोग गुजरते हैं। गुलाल के जमाव के कारण कई लोग फिसल चुके हैं। होली के दो दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक गाडिय़ों की दशा सुधारने के लिए प्रभावी प्रयास अब तक देखने को नहीं मिले हैं।

पर्यटकों भी मायूस

जयपुर से आए पर्यटक निखिल माथुर का कहना है कि सोनार दुर्ग देखने आए हैं। यहां घाटियों में फिसलन के कारण हर कदम संभल-संभलकर रखना पड़ रहा है। घाटियों की बेहतर सफाई और इनकी धुलाई करने की जरूरत है। उदयपुर की प्रियंका चौहान का कहना है कि घाटियों पर चढ़ते हुए हर कदम डर के साथ रखना पड़ा रहा है। यहां जल्द सफाई व पानी से धुलाई नहीं की तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

स्थानीय निवासियों की पीड़ा

दुर्गवासियों की पीड़ा है कि घाटियों पर जमा गुलाल की परत के कारण ये चिकनी हो गई हैं। अब तक कई दुपहिया वाहन चालक फिसल चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं गया है। दुर्गवासियों का मानना है कि दुर्ग की घाटियों की भली-भांति सफाई और पानी से धुलाई जरूरी है। इससे न केवल फिसलन से होने वाले हादसों को रोका जा सकेगा।

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