सरकारी रिकॉर्ड बनाम हकीकत
शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार पोकरण क्षेत्र में केवल 3 विद्यालय ऐसे बताए गए हैं, जहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, लेकिन वास्तविकता यह है कि अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक अपने मोबाइल या निजी डोंगल से ही सूचना प्रणाली को चला रहे हैं। ऐसे में सरकारी आंकड़े भ्रमित करने वाले हैं।
गांव-ढाणियों में नहीं पहुंची डिजिटल रोशनी
पोकरण का क्षेत्रफल व्यापक है और यहां के सैकड़ों गांव और ढाणियां अभी भी नेटवर्क और इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। कई विद्यालयों को क्रमोन्नत कर उच्च स्तर पर पहुंचा दिया गया है, लेकिन इंटरनेट कनेक्शन के अभाव में स्मार्ट शिक्षा का कोई लाभ विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
शिक्षकों की चुनौती, विद्यार्थियों का नुकसान
इंटरनेट के अभाव में ऑनलाइन प्रशिक्षण, ई-कंटेंट, यू-ट्यूब क्लासेस, ई-पाठ्य सामग्री और सरकारी पोर्टलों पर सूचनाएं अपलोड करने में शिक्षकों को दिक्कतें हो रही हैं।