scriptविरासत और आधुनिकता का अनूठा संगम: ईंट-पत्थरों से कोड-क्लिक तक, विरासत का डिजिटल अवतार | A unique amalgamation of heritage and modernity: From bricks and stones to code and clicks, the digital avatar of heritage | Patrika News
जैसलमेर

विरासत और आधुनिकता का अनूठा संगम: ईंट-पत्थरों से कोड-क्लिक तक, विरासत का डिजिटल अवतार

जैसलमेर आज केवल अतीत की कहानियों तक सीमित नहीं, बल्कि भविष्य की संभावनाओं का जीवंत उदाहरण बन चुका है।

जैसलमेरApr 20, 2025 / 08:30 pm

Deepak Vyas

jsm
केस 1 – जैसलमेर के कई प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी को अब क्यूआर कोड से पर्यटक स्कैन कर अपने मोबाइल पर ही इतिहास, स्थापत्य और रोचक तथ्यों से परिचित हो रहे हैं। इससे उनका अनुभव न केवल जानकारीपूर्ण हो गया है, बल्कि वह ज्यादा समय इन स्थलों पर बिता रहे हैं।
केस 2 – एक छह वर्षीय बाल लोक कलाकार के एक कार्यक्रम की प्रस्तुति को इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब में इतना प्रचार मिला कि दे-दुनिया के डिजिटल मंच पर उसको पहचान मिल सकी है।
केस 3 – फ्यूजन फूड का नया स्वाद अब जैसलमेर में आ चुका है। शहर से कुछ दूरी पर एक रेस्टोरेंट ने केर-सांगरी को सैंडविच और बाटी को चीज़ बेक के साथ परोसा—जो खासकर विदेशी पर्यटकों में ट्रेंड बन गया है।
मरुभूमि की छांव में बसा यह शहर जहां एक ओर दुर्ग, हवेलियों और लोक संस्कृति की अद्भुत धरोहर को सहेजे हुए है, वहीं दूसरी ओर अब यह तकनीकी और सांस्कृतिक नवाचारों का नया केंद्र भी बनता जा रहा है। जैसलमेर आज केवल अतीत की कहानियों तक सीमित नहीं, बल्कि भविष्य की संभावनाओं का जीवंत उदाहरण बन चुका है। यहां के दुर्ग, हवेलियां, रेत और रंग अब डिजिटल युग में कदम रख चुके हैं। यह शहर अब केवल देखने की नहीं, जीने की जगह बन गया है—जहां हर कोना कहानी कहता है और हर अनुभव नई सोच जगाता है।

लोककला को मिली वैश्विक उड़ान

यहां के लोक कलाकार अब केवल मेलों और समारोहों तक सीमित नहीं हैं। यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे मंचों ने उन्हें वैश्विक दर्शकों से जोड़ा है। जैसलमेर के लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों को लाखों दर्शक देख रहे हैं। विदेशी आयोजनों से आमंत्रण मिलना अब सामान्य हो गया है। इससे न केवल पहचान मिली है, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण भी हुआ है। उधर, दाल-बाटी-चूरमा जैसे पारंपरिक व्यंजन अब कैफे और रेस्टोरेंट में क्रॉकरी से लेकर प्रजेंटेशन तक मॉडर्न स्टाइल में परोसे जा रहे हैं। वहीं रेत में बनने वाले टूरिस्ट डेज़र्ट कैम्प अब फूड फेस्टिवल और लाइव म्यूजिक नाइट्स के रूप में भी पहचान बना रहे हैं।

व्यवसाय और रोजगार के नए अवसर

डिजिटल माध्यमों के कारण गाइडिंग, लोक-कला आधारित मर्चेंडाइज, इंस्टाग्राम-फ्रेंडली स्टे और यूट्यूब ब्लॉगिंग जैसे क्षेत्रों में कई युवा कार्यरत हैं। युवाओं ने अब तकनीकी प्लेटफॉर्म को अपनाकर अपना खुद का ब्रांड बनाना शुरू कर दिया है।

एक्सपर्ट व्यू : तकनीक से जुड़े विरासत स्थल

पूर्व मरुश्री जितेंद्र खत्री बताते हैं कि जैसलमेर ने डिजिटल तकनीक को जिस तरीके से विरासत स्थलों और सांस्कृतिक तत्वों से जोड़ा है, वह सराहनीय है। इससे पर्यटन का अनुभव और समृद्ध हुआ है। आज का पर्यटक केवल तस्वीरें खींचने नहीं, बल्कि कहानी और अनुभव खोजने आता है।

ऐतिहासिक के साथ अनुभवात्मक पर्यटन

फूड व ट्रेवल ब्लॉगर रेखा चौधरी का कहना है कि जैसलमेर अब केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि अनुभवात्मक टूरिज्म का शहर बन रहा है। यहां लोककला, खानपान और संस्कृति को जिस रूप में सामने लाया जा रहा है, वह युवा और विदेशी सैलानियों के लिए बेहद आकर्षक है।

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