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जैसलमेर

पेड़ों को बचाने के लिए मजबूत कानून की मांग को लेकर निकाला जुलूस, सौंपा ज्ञापन

पेड़ों को बचाने के लिए मजबूत कानून यानी ट्री प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर सोमवार को अखिल भारतीय विश्नोई महासभा, अखिल भारतीय जीव रक्षा सभा, राजस्थान पर्यावरण जीव रक्षा संस्थान, पर्यावरण संघर्ष समिति खेजड़ला व जिला बिश्नोई संस्थान सहित कई पर्यावरण व वन्य जीव के संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों की ओर से सोमवार को दोपहर 2 बजे तक किए गए जैसलमेर बंद के आह्वान का मिलाजुला असर दिखा।

जैसलमेरMar 10, 2025 / 08:39 pm

Deepak Vyas

jsm
पेड़ों को बचाने के लिए मजबूत कानून यानी ट्री प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर सोमवार को अखिल भारतीय विश्नोई महासभा, अखिल भारतीय जीव रक्षा सभा, राजस्थान पर्यावरण जीव रक्षा संस्थान, पर्यावरण संघर्ष समिति खेजड़ला व जिला बिश्नोई संस्थान सहित कई पर्यावरण व वन्य जीव के संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों की ओर से सोमवार को दोपहर 2 बजे तक किए गए जैसलमेर बंद के आह्वान का मिलाजुला असर दिखा। सोमवार दोपहर तक जहां गड़ीसर मार्ग, गुलासतला, आसनी पथ और हनुमान चौराहा क्षेत्र में कई दुकानें बंद रही, वहीं गोपा चौक, सदर बाजार, गांधी चौक, अमरसागर प्रोल के बाहर व पुराने ग्रामीण बस स्टैंड आदि इलाकों में बंद को ज्यादा समर्थन नहीं मिल सका। दूसरी ओर निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार पूर्वाह्न गड़ीसर चौराहा से पेड़ बचाने सहित पर्यावरण की रक्षा की मांग को लेकर निकाली गई रैली में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान महिलाओं की भी बड़ी भागीदारी रही। रैली शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंची, जिसमें शामिल पुरुषों ने सिर पर सिर सांटे रूख बचे तो भी सस्तो जाण…की इबारत लिखी टोपियां पहन रखी थी। महिलाओं ने भी पुरुषों के साथ जमकर आवाज उठाई। उन्होंने हाथों में अपनी मांगों से जुड़े बैनर और पोस्टर थाम रखे थे। रैली में शामिल लोगों ने कई जगहों पर दुकानदारों से प्रतिष्ठान बंद रखने का भी अनुरोध किया और कहा कि यह आंदोलन हम सबका है। ऐसे में उनका सहयोग आवश्यक है।

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प्रधानमंत्री तक पहुंचे आवाज

रैली के हनुमान चौराहा पहुंचने पर इसमें भागीदारी करने वाले महिलाओं व पुरुषों ने गोल घेरा बनाया। उन्हें ंसम्बोधित करते हुए आंदोलन के नेताओं ने कहा कि खेजड़ी को बचाने और ट्री प्रोटेक्शन के लिए एक्ट बनाने की मांग को इतना जोर से उठाना है कि आवाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच जाए। वक्ताओं ने कहा कि विकास के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध ढंग से कटाई किए जाने से पर्यावरण पर खतरा उत्पन्न हो गया है। जैसलमेर जिले का पवित्र ओरण क्षेत्र भी औद्योगीकरण की चपेट में आकर खतरे में आ गया है। संगठनों के नेताओं ने कहा कि आज जिस तेजी से धरती का तापमान बढ़ रहा है, उससे पूरी दुनिया चिंतित है। सरकारों की तरफ से लोगों से बढ़-चढकऱ पौधारोपण करने और उनके संरक्षण की अपील की जा रही है। ऐसे में पेड़ों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाया जाना और भी आवश्यक हो जाता है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य वृक्ष के संरक्षण व राजस्थान ट्री प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर 18 जुलाई से नोख, दईया, खेजडलाकी रोही में धरना चल रहा है। उन्होंने बताया कि दो बार शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। गत रविवार को देर शाम जैसलमेर में मशाल जुलूस भी निकाला गया था।

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