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जयपुर

पशु परिचर भर्ती परीक्षा पर लटकी तलवार, इस वहज से हाईकोर्ट में दी गई चुनौती; ये हैं चार प्रमुख कारण

Pashu Parichar Bharti 2025: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पशु परिचर भर्ती परीक्षा 2024 के परिणामों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।

जयपुरApr 19, 2025 / 06:29 pm

Nirmal Pareek

Pashu Parichar Bharti 2025

फाइल फोटो

RSMSSB Pashu Parichar Bharti 2025: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पशु परिचर भर्ती परीक्षा 2024 के परिणामों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। 300 से अधिक अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में याचिका दायर की है। इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता हरेन्द्र नील पैरवी करेंगे।

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इन चार प्रमुख बिंदुओं पर दी गई है चुनौती

1. स्केलिंग फॉर्मूला- याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बोर्ड ने स्केलिंग का जो फार्मूला अपनाया है, उसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही असंवैधानिक घोषित कर चुका है। जब परीक्षा कई शिफ्टों में होती है तो ‘सम प्रतिशतक (equal percentile)’ फार्मूला ही लागू किया जाना चाहिए, जिसे सुप्रीम कोर्ट से मान्यता प्राप्त है।
2. कटऑफ जारी किए बिना दस्तावेज सत्यापन सूची- बिना किसी स्पष्ट कटऑफ अंक जारी किए, सीधा दस्तावेज सत्यापन के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर देना भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है।
3. स्कोर कार्ड जारी न करना- बोर्ड ने अभी तक अभ्यर्थियों के स्कोर कार्ड जारी नहीं किए हैं, जिससे उम्मीदवार अपने प्रदर्शन की जांच नहीं कर पा रहे हैं।

4. फाइनल आंसर की जारी किए बिना लिस्ट जारी करना- बोर्ड ने फाइनल आंसर की जारी किए बिना ही दस्तावेज सत्यापन के लिए चयन सूची जारी कर दी, जिसे याचिकाकर्ता गलत ठहरा रहे हैं।
बताते चलें कि यह भर्ती परीक्षा 1 से 3 दिसंबर 2024 के बीच छह शिफ्टों में आयोजित हुई थी। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि टॉप 100 में से 99 उम्मीदवार केवल छठी शिफ्ट से हैं, जबकि पहली और चौथी शिफ्ट से एक भी उम्मीदवार चयनित नहीं हुआ। इसी तरह टॉप 1000 में 733 और टॉप 500 में 432 उम्मीदवार छठी शिफ्ट से चयनित हुए हैं। यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि शिफ्टों के बीच नॉर्मलाइजेशन निष्पक्ष नहीं रहा।

नॉर्मलाइजेशन पर सबसे बड़ा विवाद

वहीं, नॉर्मलाइजेशन फार्मूला को लेकर भी हजारों अभ्यर्थी असंतुष्ट हैं। उनका कहना है कि कुछ शिफ्ट के अभ्यर्थियों के 20 से 25 अंक तक बढ़ा दिए गए, जबकि अन्य शिफ्टों में 10 से 20 अंक तक घटा दिए गए। इससे टॉप अभ्यर्थी मेरिट से बाहर हो गए और कम अंक लाने वाले उम्मीदवार चयन सूची में ऊपर आ गए।

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाए 1.25 गुना

इसके अलावा अभ्यर्थियों का कहना है कि पहले 63 गुना उम्मीदवारों को मेरिट में शामिल किया गया, लेकिन अब सिर्फ 1.25 गुना को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में बुलाया गया, जिससे करीब 4 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों नुकसान हुआ है। इस भर्ती के लिए 17.63 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 10.5 लाख उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे। परिणाम के अनुसार, 406826 अभ्यर्थियों को मेरिट में शामिल किया गया था, जिनमें 383196 नॉन-टीएसपी क्षेत्र से और 23630 टीएसपी क्षेत्र से थे।

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