जयपुर। शहरों में पर्यटन इकाइयों (होटल, मोटल, रिजॉर्ट) के लिए अब कम से कम 5 प्रतिशत जमीन आरक्षित करते हुए मास्टर प्लान, जोनल प्लान और औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन चिह्नित कर भूमि बैंक बनाया जाएगा। जिस पर्यटन इकाई प्रोजेक्ट में तीन वर्ष में 100 करोड़ का निवेश प्रस्तावित होगा, उसे ही भूमि बैंक में से जमीन का आवंटन करेंगे।
राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत जमीन आवंटन से लेकर भू-रूपांतरण, विकास शुल्क तक में कई तरह की छूट दी है। नगरीय विकास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। खास यह है कि हैरिटेज होटल को राहत देने का रास्ता निकालते हुए निर्धारित सीमा तक व्यवसायिक गतिविधि संचालन की छूट दी है।
अफसरों को तय समय में करना होगा काम
संबंधित निकाय को आवेदन से 60 दिन के भीतर भू-उपयोग परिवर्तन, भवन मानचित्र स्वीकृति प्रक्रिया पूरी करनी होगी। पर्यटन इकाई नीति के तहत पंजीकृत प्रोजेक्ट्स को भू-उपयोग परिवर्तन और विकास शुल्क में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।
200 कमरों की पर्यटन इकाई का निर्माण तीन साल में और इससे ज्यादा कमरों की इकाई का निर्माण चार साल में पूरा करना होगा।
हैरिटेज होटल में हो सकेगी व्यावसायिक गतिविधि
हैरिटेज होटलों की व्यावसायिक गतिविधियों को नियमित करने का रास्ता खोला गया है। हैरिटेज होटल में कुल कवरेज एरिया का 10% या अधिकतम 1 हजार वर्गमीटर (जो भी अधिक हो) की सीमा तक व्यावसायिक गतिविधि नियमित की जा सकेगी। इसके तहत पुरातत्व संपत्तियों और हैरिटेज होटल के स्वरूप में बदलाव किए बिना स्थानीय हैण्डीक्राफ्ट व आर्ट के प्रोत्साहन की दुकानें, रेस्टोरेंट और बार संचालन की अनुमति होगी।