राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर जैसे सीमावर्ती जिलों में हजारों की संख्या में पाकिस्तानी मूल के हिंदू शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें से कई लोगों को भारत में नागरिकता मिली है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग अभी भी वीज़ा या लंबित नागरिकता आवेदन पर टिके हुए हैं।
जोधपुर के सूरसागर, बाड़मेर के कालिबेरी, जैसलमेर के मोहनगढ़ और ट्रांसपोर्ट नगर जैसे इलाकों में इनकी बड़ी बस्तियां हैं। सरकार अब इन बस्तियों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना बना रही है, जिसमें रहवासियों की पहचान, दस्तावेजों की जांच और संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी शामिल होगी।
सूत्रों की मानें तो यह कार्रवाई केवल सुरक्षा के लिहाज से है और इसका मकसद किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म करना है। गृह मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि नागरिकता प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों अनिवार्य हैं। यदि खुफिया इनपुट सही साबित होते हैं, तो आने वाले दिनों में राजस्थान के इन संवेदनशील इलाकों में बड़ा ऑपरेशन चलाया जा सकता है। पहलगाम हमला अब सिर्फ कश्मीर नहीं, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चेतावनी बन चुका है।