बता दें फिरोज पिछले 20 दिन से भोपाल सेंट्रल जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद था। फिरोज की गिरफ्तारी होने से एनआइए को बड़ी सफलता मिली है। क्योंकि 10 से अधिक गिरफ्तारियां पहले हो चुकी थी। लेकिन मुख्य साजिशकर्ता पकड़ से बाहर था। लेकिन अब उसके पकड़ में आने से इनके राज्यों में फैलाए गए आतंक के नेटवर्क, फंडिंग सहित कई बड़ी जानकारियां सामने आ सकती है।
5 लाख का इनामी बुर्का पहनकर देता रहा चकमा
फिरोज खान को एनआइए की टीम साल 2022 से तलाश कर रही थी। इस दौरान उसके 10 साथी गिरफ्तार हुए लेकिन शातिर फिरोज बार-बार चकमा देकर भागता रहा। इस दौरान एनआइए ने उसके ऊपर पांच लाख का ईनाम भी घोषित किया। लेकिन वह बुर्का पहनकर लगातार चकमा देता रहा। लेकिन इसी माह रतलाम में अपनी बहन रेहाना के घर से पकड़ा गया। पुलिस को इस बात संदेह है कि वह किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने वाला था।
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भोपाल केंद्रीय जेल में बंद फिरोज पर जेल प्रशासन द्वारा कड़ी निगरानी रखी जाती थी। इस दौरान उस पर चौबीस घंटे सीसीटीवी का पहरा लगाया गया। इसके अतिरिक्त 4 जवान, एक हवलदार और दो अन्य अधिकारी की उसके बैरक पर नजर रखने के लिए ड्यूटी लगाई जाती थी।