गांवों में सफाई को लेकर होगी जांच
इस दौरान मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि पहले भी गांवों की सफाई के लिए पैसा आता था, लेकिन सवाल यह है कि यह पैसा कहां गया और इसका सही उपयोग क्यों नहीं हुआ? उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर जांच का विषय है और सरकार यह पता लगाएगी कि सफाई के पैसों को कौन रफा-दफा कर रहा था। मंत्री दिलावर ने कहा कि अब गांवों में सफाई का कार्य शहरों की तर्ज पर किया जाएगा और किसी भी पंचायत को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। प्रत्येक पंचायत को 10 लाख रुपये सफाई कार्यों के लिए दिए जा रहे हैं। यदि यह राशि कम पड़ती है तो स्वच्छ भारत मिशन से अतिरिक्त राशि खर्च की जा सकती है। सफाईकर्मियों को प्रतिदिन न्यूनतम 297 रुपये मजदूरी दी जा रही है।
अप्रैल महीने में विकास अधिकारी से लेकर पंचायत राज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गांवों में निरीक्षण करेंगे और सफाई व्यवस्था का आकलन करेंगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सुझाव दिया कि केवल एक विधानसभा क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान में सफाई व्यवस्था की जांच होनी चाहिए।
जूली पर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का तंज
इधर, विधानसभा में कांग्रेस के हंगामे और वॉकआउट पर उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली पर तंज कसते हुए कहा कि वे ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के सिद्धांत का पालन करें और डिप्टी स्पीकर बनने की कोशिश न करें। राठौड़ ने कहा कि स्पीकर ने पहले ही हर सवाल पर नेता प्रतिपक्ष को पूरक सवाल पूछने का अवसर दिया था, फिर भी कांग्रेस ने हंगामा किया और सदन की कार्यवाही बाधित की।