किरोड़ी ने पैकेज की रखी मांग
किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘हादसे में एएसआई सुरेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, वो एक तरह से शहीद हुए। मैंने डीजीपी से कहा है कि आप बेडे के मुखिया हो। मुख्यमंत्री को हमने निवेदन कर दिया है, 15 दिन पहले मैंने पत्र भी लिखा था। दिल्ली में एक करोड़ रुपए के साथ नौकरी भी दी जाती है। ऐसे ही एक उदाहरण सामने आया, जिसमें सिपाही की मौत हो गई थी तो उसकी पत्नी को नायब तहसीलदार लगाया गया था। उसी तर्ज पर इनको पैकेज दिया जाए। सीएम भी इनके घर गए थे, बात करके आए थे।
CM ने दिया था आश्वासन
एएसआई सुरेंद्र सिंह की पत्नी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘मेरे पति सीएम को बचाते हुए शहीद हुए थे। पुलिस की तरफ से पूरा सपोर्ट है, लेकिन अभी तक पता नहीं चला है कि उन्होंने क्या किया है। शहीद का दर्जा तो उन्हें देना ही चाहिए। क्योंकि उनको (सीएम) बचाने के लिए वह गाड़ी के सामने आए और शहीद हो गए। सीएम ने मुझे आश्वासन दिया था कि हम दोनों बच्चों को अच्छी जॉब देंगे। बच्चे को नायब तहसीलदार लगााया जाएगा और शहीद का दर्जा भी देंगे।
सीएम की सुरक्षा में तैनात थे ASI सुरेंद्र सिंह
बता दें कि सीएम भजनलाल शर्मा के काफिले के वक्त अक्षय पात्र चौराहे पर ट्रैफिक को रोका गया था। लेकिन गलत साइड से एक टैक्सी गाड़ी सीएम की काफिले की ओर बढ़ गई। इस दौरान वहां ASI सुरेंद्र सिंह उस टैक्सी को रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन टैक्सी ड्राइवर ने सुरेंद्र सिंह को ही रोंद दिया। इससे सुरेंद्र सिंह बुरी तरह घायल हो गए। सुरेंद्र सिंह के सिर में गंभीर चोट लगी थी, जिससे उन्हें बचाया नहीं जा सका।