गौरतलब है कि घटना में 40 वर्षीय सुमित सेन, उसका 44 वर्षीय बड़ा भाई गणेश और 15 वर्षीय बेटी निशा की मौत हो गई थी। परिजन ने बताया कि सुमित शुक्रवार को परिवार सहित गांव आया था। गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रविवार को परिवार सहित जयपुरिया हॉस्पिटल के नजदीक जय अंबे नगर घर लौट आया था।
आखिर किस बात से सुमित नाराज होकर सीबीआइ फाटक पर पहुंच गया। उसके पीछे सुमित का बड़ा भाई गणेश और बेटी निशा भी वहां पहुंच गए। सुमित ट्रेन की पटरी से नहीं हट रहा था और भाई व बेटी उसे रेलवे पटरियों से हटाने के लिए मशक्कत कर रहे थे। तभी ट्रेन आ गई और तीनों उसकी चपेट में आ गए।
उठी तीन अर्थियां तो रो पड़ा गांव
जगतपुरा में ट्रेन हादसे के शिकार हुए उपखण्ड के सेदरिया गांव के दो सगे भाइयों व एक बालिका समेत तीन जनों के क्षत-विक्षत शव सोमवार को जैसे ही उनके गांव सेदरिया पहुंचे तो घर में कोहराम मच गया। घर से एक साथ तीन अर्थियां उठीं तो पूरा गांव रो पड़ा। अंतिम संस्कार में शामिल हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। तीनों शवों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। शव पहुंचते ही मृतक गणेश सैन की पत्नी मीनू व मृतक सुमित उर्फ हीरालाल सैन की पत्नी मांगी देवी गश खाकर गिर पड़ीं।
दिलाया जाए मुआवजा चाकसू विधायक रामावतार बैरवा, दोसरा सरपंच गडूली देवी, पंसस कैलाश चौधरी, वेदप्रकाश पारीक ने जिला कलक्टर से हादसे के शिकार मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की गुहार की है।