शिक्षा विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी विद्यालयों में कक्षाओं के भीतर पंखों और छाया (शेड) की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, ताकि बच्चे ठंडी और सुरक्षित जगह पर पढ़ाई कर सकें। इसके साथ ही शुद्ध और शीतल पेयजल की उपलब्धता अनिवार्य की गई है।
विद्यालयों में प्राथमिक उपचार किट, आवश्यक दवाएं और ORS किट भी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत इलाज किया जा सके।
गर्म मौसम को देखते हुए पी..टी. और अन्य बाहरी गतिविधियां जैसे ओपन कैंप आदि अस्थायी रूप से बंद कर दिए जाएंगे। बच्चों को खुले मैदान या धूप में खेलने से भी रोका जाएगा। विद्यालय परिसर में पेयजल के लिए छोटे ब्रेक के दौरान वाटर बेल बजाई जाएगी ताकि सभी छात्र समय पर पानी पी सकें।
इसके अलावा विद्यालयों में नियमित रूप से बच्चों को गर्मी से बचाव की जानकारी दी जाएगी और विशेष रूप से छोटे बच्चों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। शिक्षा विभाग की यह पहल विद्यार्थियों की भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। इससे विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक वातावरण मिलेगा, बल्कि वे सुरक्षित और स्वस्थ भी रहेंगे।