राजस्थान देश के सबसे गर्म राज्यों में शुमार है, और हाल के वर्षों में यहां लू से प्रभावित मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा सचिव ने अस्पतालों को दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति, उपकरणों की क्रियाशीलता और रोगियों की मूलभूत सुविधाओं जैसे पंखे, कूलर, एसी, पेयजल आदि की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
अब अस्पतालों में पंखा बंद मिला तो होगी कार्रवाई, जानिए नया आदेश
Healthcare Monitoring: राठौड़ ने कहा कि अगर किसी अस्पताल में पंखे या कूलर की कमी से मरीजों को परेशानी होती है तो संस्थान प्रभारी की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जरूरत पड़ने पर
आरएमआरएस फंड से तत्काल खरीदारी की जाए।
हीटवेव से निपटने के लिए हर चिकित्सा संस्थान को दैनिक रिपोर्टिंग करनी होगी। इसमें बैड की उपलब्धता, दवाओं की स्थिति, एम्बुलेंस की तत्परता, उपकरणों की क्रियाशीलता और पेयजल जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों को फील्ड में निरीक्षण करने और रिपोर्ट देने को भी कहा गया है।
खाद्य सुरक्षा पर भी सख्ती, गर्मी में मिलावटी खाने वालों की खैर नहीं
इसके साथ ही गर्मी के दौरान खाद्य सुरक्षा भी विभाग की प्राथमिकता में है। शासन सचिव ने निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण अभियान चलाया जाए, ताकि मिलावटखोरी पर लगाम लगाई जा सके और आमजन को सुरक्षित भोजन मिले। चिकित्सा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बजट घोषणाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन किया जाए, ताकि किसी भी स्तर पर सुविधा में विलंब न हो और आमजन को पूरा लाभ मिले। सरकार की इस मुहिम का उद्देश्य स्पष्ट है—हीटवेव जैसी प्राकृतिक आपदाओं से लोगों की सुरक्षा और चिकित्सा संस्थानों में सुचारू सेवाओं की गारंटी।