दरअसल, गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस पार्टी का 84वां अधिवेशन चल रहा है। इस मौके पर देशभर से 1,700 से ज्यादा कांग्रेस प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इस अधिवेशन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित राजस्थान के भी कई नेता शामिल हुए हैं।
गंगाजल छिड़कना शर्म की बात- खरगे
राष्ट्रीय अधिवेश में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमारा LOP रामनवमी पर मंदिर में गया, भगवान के दर्शन किए, जब वो वापस आया उसके बाद मंदिर में गंगाजल छिड़का गया ये शर्म की बात है…अगर एक LOP के साथ ये हुआ तो देहात में रहने वाले दलित के साथ क्या होता होगा? क्या दलित हिंदू नहीं है क्या?
राहुल गांधी ने भी साधा था निशाना
इससे पहले लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा था कि बीजेपी की दलित विरोधी और मनुवादी सोच का एक और उदाहरण, बीजेपी लगातार दलितों को अपमानित और संविधान पर आक्रमण करती आ रही है। इसलिए संविधान का सिर्फ सम्मान नहीं, उसकी सुरक्षा भी ज़रूरी है। मोदी जी, देश संविधान और उसके आदर्शों से चलेगा, मनुस्मृति से नहीं जो बहुजनों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानती है। क्या है मंदिर धोने का पूरा विवाद?
बताते चलें कि रामनवमी के दिन अलवर की एक सोसायटी स्थित श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी शामिल हुए और मंदिर में पूजा-अर्चना की। लेकिन, अगले ही दिन ज्ञानदेव आहूजा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मंदिर में अपवित्र लोग आ गए थे, इसलिए हमने गंगाजल से शुद्धिकरण किया है।
इसके चलते भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। भाजपा प्रदेश संगठन ने ज्ञानदेव आहूजा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी की मूल विचारधारा और अनुशासन का उल्लंघन किया है।