अशोक गहलोत ने उठाए सवाल
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान पत्रिका की खबर शेयर करते हुए अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि, “कोई भूखा न सोए” की भावना के साथ हमारे कार्यकाल में इंदिरा रसोई की शुरुआत की गई थी। भाजपा सरकार आने के बाद इस योजना का नाम बदल कर अन्नपूर्णा योजना कर दिया। नाम बदलने के बाद इस योजना को मजबूत करने का संकल्प करना चाहिए था परन्तु इसे धीरे-धीरे कमजोर किया जा रहा है। मुझे याद है कि हमारे कार्यकाल में विदेशी पर्यटकों ने जोधपुर में इन्दिरा रसोइयों की तारीफ की थी और यहां विदेशी पर्यटकों का भोजन करना एक आम बात हो गई थी। अब भाजपा सरकार में यहां किसी रसोई में खाना नहीं है, तो कहीं पर गंदगी है और ठंडा भोजन परोस रहे हैं। इस वजह से आने वाले लोग निराश हो रहे हैं।
यह योजना मुख्यत: गरीब एवं मध्यम वर्ग को कम दाम में अच्छा भोजन उपलब्ध करवाने की थी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग करनी चाहिए और इस योजना को निखारना चाहिए।
सामने आईं ये बड़ी खामियां
जोधपुर शहर के विभिन्न स्थानों पर अन्नपूर्णा रसोई संचालित हो रही है। पत्रिका टीम की पड़ताल में सामने आया कि कुछ के हालात ठीक है तो कहीं-कहीं पर तो खाना ही नहीं बन रहा है। लोग रसोई तक खाना खाने के लिए पहुंचते है, लेकिन रसोई में खाना नहीं होने से वहां से लौट जाते है। तो कई स्थानों पर रसोई से टिफिन भी जा रहे है। वहां पर आठ रुपए के स्थान पर 10 रुपए लिए जा रहे है। राजस्थान पत्रिका ने सोमवार को अन्नपूर्णा रसोई की पड़ताल की थी।