संयुक्त निदेशक कृषि महेन्द्र जैन ने बताया कि पक्के बिल के बिना नकली बीज दिए जाने की संभावना बनी रहती है जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यदि कोई विक्रेता पक्का बिल देने से मना करता है तो उसकी शिकायत तुरंत कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी या बहरोड़ स्थित सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय में की जाए।
राज्य सरकार द्वारा केवल चयनित कंपनियों और किस्मों के बीजों को ही अनुमति प्रदान की जाती है जो क्षेत्रवार निर्धारित होती हैं। इसलिए किसान अधिकृत और अनुमोदित बीज ही खरीदें। खासतौर पर यह भी चेतावनी दी गई है कि गांवों में वाहन से घूम-घूम कर बीज बेचने वालों से कोई भी बीज न खरीदा जाए और ऐसे मामलों की तुरंत जानकारी विभाग को दें।
बीज विक्रेताओं को भी सख्त निर्देश
वहीं जिले के सभी अधिकृत बीज विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे केवल अनुमोदित कंपनियों और किस्मों का ही बीज पक्के बिल के साथ विक्रय करें। यदि किसी विक्रेता के पास अनाधिकृत बीज पाया गया या शिकायत मिली तो संबंधित का बीज लाइसेंस निलंबित कर उसे निरस्त कर दिया जाएगा और बीज जब्त कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी किसानों को चाहिए कि गुणवत्ता वाला, प्रमाणित बीज ही खरीदें और विक्रेताओं को प्रतिष्ठान पर उपलब्ध बीज का कंपनी का लाइसेंस, क्रय बिल और भंडारण पंजिका में इंद्राज अनिवार्य रूप से उपलब्ध होना चाहिए। किसानों की आय और फसल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विभाग इस विषय पर गंभीर है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
महेन्द्र जैन, संयुक्त निदेशक कृषि-कोटपूतली-बहरोड़