scriptराजस्थान विधानसभा में 200 MLA’s में से सिर्फ 30 ने ही लगाए प्रदेश स्तरीय सवाल, बाकी अपने क्षेत्रों तक सिमटे | 200 MLAs in Rajasthan Assembly only 30 raised state level questions rest remained confined to their areas | Patrika News
जयपुर

राजस्थान विधानसभा में 200 MLA’s में से सिर्फ 30 ने ही लगाए प्रदेश स्तरीय सवाल, बाकी अपने क्षेत्रों तक सिमटे

राजस्थान विधानसभा में अब तक करीब 9,800 सवाल विधानसभा में लगाए गए हैं, जिनमें से प्रश्नकाल में चर्चा के लिए 516 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए।

जयपुरMar 28, 2025 / 08:18 am

Lokendra Sainger

rajasthan assembly

rajasthan assembly

सुनील सिंह सिसोदिया

राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में सवालों की संख्या तो हजारों में है, लेकिन इनमें से प्रदेश स्तरीय और व्यापक जनहित के मुद्दों पर पूछे गए सवालों की संख्या बेहद कम है। अब तक करीब 9,800 सवाल विधानसभा में लगाए गए हैं, जिनमें से प्रश्नकाल में चर्चा के लिए 516 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए। इनमें से भी 288 प्रश्नों पर ही चर्चा हो सकी। लगभग 40 सवाल प्रदेश स्तर के महत्वपूर्ण विषयों से जुड़े थे। कई सवाल एक ही विषय पर अलग- अलग विधायकों की ओर से पूछे गए। गंभीर यह है कि 200 विधायकों में से सिर्फ 30 ने ही प्रदेश स्तरीय सवाल लगाए। बाकी विधायकों के सवाल अपने-अपने क्षेत्रों तक सीमित रहे।
9,800 सवाल लगे अब तक जिसमें से 516 प्रश्न सूचीबद्ध

288 प्रश्नों पर ही चर्चा, 40 सवाल महत्वपूर्ण विषयों से जुड़े

विकास के बड़े मुद्दों पर नहीं हो रही गंभीर बहस

अधिकांश सवाल किसी योजना के क्रियान्वयन, राशि व्यय या फिर स्थानीय स्तर की समस्याओं तक सीमित है। ऐसे में जनहित और प्रदेश के विकास से जुड़े गिने-चुने सवाल ही सदन में उठ पाए हैं। विधायकों के बड़े विषयों को लेकर सवाल नहीं पूछने से सरकार पर जवाबदेही बनाने और प्रदेश के विकास को गति देने के लिए भी दवाब नहीं बन पाता है। यह दर्शाता है कि सदन में प्रदेश के व्यापक विकास पर केंद्रित चर्चाएं कम हो रही हैं। महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों पर चर्चा का अवसर सीमित हो जाता है और ज्यादातर समय क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा तक सीमित रहता है।

प्रदेश की प्रगति के लिए व्यापक सोच की जरूरत

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा में यदि विधायकों की ओर से प्रदेश स्तरीय सवाल कम लगाए जाते हैं, तो इसका सीधा असर राज्य की विकास योजनाओं और उनकी प्रभावी क्रियान्विति पर पड़ता है। प्रगति को गति देनी है तो योजनाओं की समीक्षा तक सीमित रहने के बजाय, रोजगार, बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संकट और औद्योगिक विकास जैसे बड़े विषयों पर भी सवाल उठाए जाने चाहिए। इससे न सिर्फ सरकार को जवाबदेह बनाया जा सकता है, बल्कि प्रदेश की दिशा-दशा तय करने में मदद मिलेगी।
यह भी पढ़ें

राजस्थान विधानसभा के तीसरे सत्र में क्या-क्या हुआ? 24 बैठकों के साथ 182 घंटे 52 मिनट चला सदन, 95% सवालों के मिले जवाब

इस तरह के लगे प्रदेश स्तरीय सवाल

-आरटीई के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश
-भू जल स्तर बढ़ाने की कार्य योजना
-सफाई कर्मियों की भर्ती
-प्रदेश में साइबर अपराधों पर नियंत्रण
-प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्राप्ति शिकायतों पर कार्रवाई
-सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना के तहत किसानों का बीमा
-रावी व व्यास नदी से पानी लाने की योजना
-प्रदेश में गौ अभयारण्य की स्थापना
-जनता जल योजना के अंतर्गत पम्प चालकों का स्थायीकरण
-संविदा कार्मिकों को नियमित करने की योजना
-राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में सृजित पद
-खाद्य सुरक्षा योजना में प्राप्त आवेदनों का निस्तारण
-भिखारियों के पुर्नवास की योजना
-पंजीकृत बेरोजगारों को रोजगार
-लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को रोजगार
-बिजली के खुले तारों को भूमिगत करने की योजना
-प्रवेश में फसल बीमा योजना के तहत बीमा क्लेम का भुगतान
-वन क्षेत्र में वृद्धि की कार्य योजना
-अटल भूजल योजनान्तर्गत कार्य
-हत्या व अपहरण के दर्ज प्रकरण
-खरीफ व रबी की फसलों की एमएसपी पर खरीद
-भर्ती परिक्षाओं में हुई अनियमितताओं की जांच
-नगरीय क्षेत्रों में टाउन प्लानिंग
-बजरी का अवैध खनन

Hindi News / Jaipur / राजस्थान विधानसभा में 200 MLA’s में से सिर्फ 30 ने ही लगाए प्रदेश स्तरीय सवाल, बाकी अपने क्षेत्रों तक सिमटे

ट्रेंडिंग वीडियो