New garment cluster : शहर में न्यू गारमेंट क्लस्टर की स्थापना को लेकर निजी भूमि का अड़ंगा खत्म हो गया है। निजी भूमि स्वामियों ने रास्ता देने के लिए सहमति पत्र दे दिया है। इसके बाद नए गारमेंट क्लस्टर की स्थापना को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। कठौंदा के पास इसके लिए 15 एकड़ सरकारी भूमि चिन्हित है। इसका आवंटन एमएसएमई विभाग को होना है।
रोजगार की दृष्टि से देखा जाए तो जबलपुर में गारमेंट सबसे बड़ा क्षेत्र है। पहले से यहां 600 छोटी और बड़ी इकाइयां चल रही हैं। वहीं लेमा गार्डन गोहलपुर के पास 200 छोटी और बड़ी इकाइयों वाला रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर संचालित हो रहा है। केंद्र सरकार की मदद से इसका निर्माण किया गया है। इस क्लस्टर में इकाइयां मिलने से वंचित गारमेंट निर्माता चाहते हैं कि उन्हें भी क्लस्टर में जगह मिले। इसको लेकर नई जगह पर एक और गारमेंट क्लस्टर बनाने की कवायद चल रही है। कई जगहों का चयन किया गया है। अंत में कठौंदा की जगह पर अंतिम निर्णय होना है। अब इसका आवंटन राजस्व से एमएसएमई विभाग को होना है।
New garment cluster
New garment cluster : सहमति बनी, उद्योग विभाग मांग रहा दानपत्र
यह जमीन कटंगी बाइपास से 700 से 800 मीटर की दूरी पर है। इस भूमि तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता फिलहाल नहीं है। इस पर सहमति के लिए क्लस्टर के लिए पहले बनी स्पेशल परपज वीकल (एसपीवी) ने जगह देने के लिए भूमि स्वामी को सहमत कर लिया था। एक महीने पहले सहमति पत्र भी दिया गया। जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग चाहता है कि पहले भूमि स्वामी दानपत्र सौंप दे ताकि आगे की प्रक्रिया हो सके। अब दोनों पक्षों में इसको लेकर सहमति बनाना है।
readymade garment clusterNew garment cluster : कठौंदा के पास न्यू गारमेंट क्लस्टर के लिए 15 एकड़ शासकीय जगह चिन्हित की गई है। इसका एक प्रस्ताव पुन: उद्योग संचालनालय को भेजा जाएगा। इस जगह तक पहुंचने के लिए रास्ता निजी भूमि से होकर गुजरता है। भूमि स्वामी रास्ता देने सहमत हैं। संचालनालय ने भूमि स्वामी से दानपत्र मांगा है। इस दिशा में काम कर रहे हैं।
विनीत रजक, महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र
New garment cluster : न्यू गारमेंट क्लस्टर बड़ी जरुरत है। इसके लिए एसपीवी बन चुकी है। जिला उद्योग संवर्धन समिति की बैठक में इस विषय को उठाया गया। निजी भूमि स्वामी रास्ता देने सहमत है। जिला प्रशासन को भूमि के आवंटन की प्रक्रिया आगे बढ़ाना चाहिए।
अनुराग जैन, अध्यक्ष, जायमा
New garment cluster : जबलपुर में गारमेंट इंडस्ट्री की बेहद संभावनाएं हैं। यह रोजगार देता है। वर्तमान क्लस्टर में 200 इकाइयां है। बांकी गारमेंट निर्माता भी चाहते हैं कि उन्हें इकाइयां मिले। इसके लिए न्यू गारमेंट क्लस्टर के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं।
अनिल सागर, गारमेंट निर्माता
New garment cluster : यह ऐसी इंडस्ट्री है जो कभी बंद नहीं होती। डिजाइन और पैटर्न बदल सकता है। हमें सालभर काम मिलता है। महिलाओं के लिए यह जीविकोपार्जन प्रमुख साधन है। यदि क्लस्टर बनता है तो कारीगरों को फायदा होगा।
गोविंद बर्मन, कारीगर
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