हैक बाइट 3.0 में आईटी क्षेत्र के स्टूडेंट्स ने बनाए पब्लिक फ्रेंडली एप्स और वेबसाइट
Smart ID card : ट्रिपलआईटीडीएम में पिछले दिनों हुए हैक बाइट 3.0 में देश भर से आए आईटी स्टूडेंट्स ने एक से बढकऱ एक इनोवेशन किए। इनमें कुछ पब्लिक फ्रेंडली तो कुछ आईटी सेक्टर में देश के महत्वपूर्ण योगदान देने वाले एप्स व वेबसाइट्स बनाए गए। टॉप पोजीशन में रहे दो ऐसे इनोवेशन किए जा न केवल पब्लिक फ्रेंडली हैं, बल्कि गल्र्स सेफ्टी की दृष्टि से महत्वपूर्ण भी कहे जा सकते हैं। आईटी एक्सपट्र्स ने द्वारा उन्हें विनर भी घोषित किया गया। उनका मानना है कि यदि इन तकनीकों का प्रचार प्रसार सही तरीके से किया गया तो ये आम लोगों के भी बहुत काम आ सकेंगी।
Smart ID card : असुरक्षित महसूस करते ही करेगा अलर्ट
स्कूल, कॉलेज, ऑफिस से लेकर फील्ड पर काम करने वाली गल्र्स और लेडीज को सबसे ज्यादा सुरक्षा की चिंता रहती है। कई बार उन्हें इमरजेंसी में मदद भी नहीं मिल पाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हैक बाइट 3.0 में शामिल होने आई चिल टीम ने एक ऐसा आई कार्ड डिजाइन किया है जो एक स्मार्ट पहचान देगा, बल्कि महिलओं व युवतियों के लिए उनके कैंपस या वर्कप्लेस में सुरक्षा भी प्रदान करेगा। चिल टीम मेंबर्स ने बताया यह आई कार्ड लाइव लोकेशन ट्रैकिंग करने के साथ साथ आपात स्थिति में एसओएस की सुविधा भी प्रदान करेगा। हैक बाइट में इसे अभी प्रारंभिक रूप में तैयार किया गया है। इसमें और क्या-क्या सुविधाएं और फीचर जोड़े जा सकते हैं, उन पर काम किया जाएगा।
Smart ID card : आपस में जुड़ सकेंगे कई कॉलेज कैंपस
हैक बाइट 3.0 में फस्र्ट विनर बनी 4 ओह 4 टीम के सदस्यों ने इंस्टिकॉन नाम का एक गेम या डिजिटल स्पेस प्रोग्राम तैयार किया है। जो एक और एक से अधिक कैंपस के स्टूडेंट्स को आपस में जोडऩे का काम करेगा। इस टीम के लीडर दिव्यांशु सिंह एक गेम डेवलपर हैं और वे ट्रिपलआईटीडीएम में पढ़ाई भी कर रहे हैं। दिव्यांशु नेे बताया हमारा प्रोजेक्ट एक ऐसा डिजिटल वल्र्ड है, जिसमें टीयर टू और टीयर थ्री कॉलेजेस को मेन फोकस में रखकर तैयार किया गया है। जैसे कि कोई कॉलेज इवेंट कराना चाहते हैं तो उन्हें लगने वाले संसाधनों से लेकर वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ता है। हमारे इस गेम के माध्यम से अन्य कॉलेज के स्टूडेंट्स से जुड़ सकते हैं। जिससे वे अपना प्रोग्राम इसमें प्रचार के लिए रख सकते हैं। इसमें चैट सिस्टम भी है जो एक दूसरे बात करने में सहायक भी होगा। इसमें कॉलेजों के थ्रीडी मैप भी शामिल किए जा रहे हैं। जिससे एक स्टूडेंट वो किसी भी कॉलेज कैम्पस की डिजिटल वॉक के साथ बातचीत भी कर सकेगा। इसे आगे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह देश में अपने आप में पहला प्रोग्राम होगा, जो एक साथ कई कॉलेजों के कैंपस को जोडऩे का काम करेगा।
Smart ID card : 36 घंटे में किए तैयार
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ट्रिपलआईटीडीएम में हैक बाइट 3.0 का आयोजन किया गया था। जिसमें देश भर के आईटी क्षेत्र से जुड़े करीब 500 स्टूडेंट्स शामिल होने पहुंचे थे। अलग-अलग टीमों को ऐसे आइडिया पर काम करने कहा गया था, जो पब्लिक फ्रेंडली होने के साथ ही आमजनों के उपयोग में लाए जा सकें। हैक बाइट में 36 घंटे तक बिना रुके, बिना सोए टीमों ने अपने प्रोजेक्ट्स तैयार किए। बेस्ट वर्क करने वाली टीमों को पुरस्कृत भी किया गया।
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