Garbage scam : नगरनिगम जबलपुर में बड़ा कचरा घोटाला सामने आया है। अधिकारियों ने कचरा परिवहन में लगी सोसायटी के साथ मिलीभगत कर केवल एक ही वार्ड में 8 लाख रुपए का फर्जी बिल तैयार कर भुगतान करा दिया। जांच में खुलासा होने पर नगरनिगम के तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जैन और सहकारी समिति के अध्यक्ष के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने धोखाधड़ी, गबन और अमानत में खयानत सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
Garbage scam : जबलपुर ईओडब्ल्यू की जांच में खुली नगर निगम के भ्रष्टाचार की पोल
Garbage scam : होने वाला है जबलपुर में सफाई सर्वेक्षण
यह घोटाला ऐसे समय में उजागर हुआ है जब प्रदेश के अन्य शहरों के साथ जबलपुर में सफाई सर्वेक्षण होने वाला है और सर्वे की टीम शहर आने वाली है। इसी की आड़ में यह फर्जीवाड़ा किया गया। ईओडब्ल्यू की जांच के अनुसार नगरनिगम ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सफाई कामगार सहकारी समिति रानीताल से कचरा परिवहन का अनुबंध किया था। इस समिति को नगरनिगम के वार्ड 8 में कराए गए कचरा परिवहन के लिए नोटशीट पर 6.04 लाख रुपए के भुगतान की अनुशंसा की गई थी। बाद में समिति अध्यक्ष हेमंत करसा ने अधिकारियों से मिलीभगत से अलग से नोटशीट तैयार कर 14.70 लाख रुपए का बिल प्रस्तुत कर दिया। इसी फर्जी नोटशीट के आधार पर 8.20 लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान समिति को कर दिया गया।
ईओडब्ल्यू के पास शिकायत आने पर इसकी जांच शुरू की गई। नोटशीट पर नगरनिगम के अधिकारी केके दुबे के हस्ताक्षर थे। जिन्होंने खुद के हस्ताक्षर होने से इनकार कर दिया। बाद में इसकी फोरेंसिक जांच राज्य परीक्षक से कराई गई तो पुलिस मुख्यालय ने इसे फर्जी और कूटरचित बताया। इसी से यह घोटाला खुला और पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया।