सांसद शंकर लालवानी और एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि सड़क की डीपीआर बनाई जा रही है। अनुमोदन के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। इसके बाद काम शुरू हो सकेगा।
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बांझल ने बताया कि 6 लेन करने के लिए अतिरिक्त जमीन की जरूरत नहीं पड़ेगी। हाई-वे के मिडियन और आसपास की जमीन का उपयोग किया जाएगा। मालूम हो, एनएचएआइ नई सड़क बनाते समय भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए सड़क चौड़ीकरण के लिए पहले ही जमीन रख लेता है, ताकि आगे समस्या न आए।
ढाई हजार करोड़ खर्च : राऊ सर्कल से महाराष्ट्र बॉर्डर तक 165 किलोमीटर का हिस्सा 6 लेन होना है। इसमें करीब 2500 करोड़ के खर्च का अनुमान है।
ऐसे समझें पीसीयू का गणित
एनएचएआइ ने एबी रोड का पीसीयू (पैसेंजर कार यूनिट) 55 हजार से अधिक पाया है। टोल नाकों से कितनी कार, बस, ट्रक निकल रहे हैं, वजन और संख्या के आधार पीसीयू की गणना की जाती है। हर वाहन का पीसीयू निर्धारित है। वाहनों के चलने से रोड डेमेज होने और ट्रैफिक का पता भी लगाया जाता है। निर्धारित से ज्यादा पीसीयू होने पर उसे समायोजित करने सड़क चौड़ी की जाती है या नई सड़क की योजना बनाई जाती है। सड़क(Indore-Mumbai Highway) कब चौड़ी करनी है, इसका निर्धारण पीसीयू से ही होता है। पीसीयू 60 हजार पहुंचने पर मार्ग ओवरलोड माना जाता है।