उन्होंने बताया कि ढोल व थाली की थाप पर गेर नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। उत्साह व उमंग के साथ गेर नृत्य किया जाएगा। होली का त्योहार गेर नृत्य के प्रदर्शन के बिना अधूरा लगता है। गेर नृत्य राजस्थान का सुन्दर एवं प्रसिद्ध लोक नृत्य है। गेर भी अपने आप में बेहद अनुठी है। राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में आज भी गेर परम्परागत रूप से खेली जाती है। गेर नृत्य सदियों पुराना है और पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है। चौधरी आंजणा पटेल समाज ने गेर नृत्य की परम्परा को दक्षिण में भी कायम रखा है। हमारी संस्कृति ही हमारी विरासत हैं और हमें इसे संजोए रखने में सहयोग जरूर करना चाहिए।