युवा, गैर-धूम्रपान करने वाले लोगों में भी बढ़ रहे हैं मामले (Non-smokers oral cancer risk)
अतीत में, मुंह का कैंसर (Muh ka cancer) मुख्य रूप से तंबाकू, शराब और सुपारी के सेवन से जुड़ा माना जाता था और आमतौर पर बुजुर्ग पुरुषों में देखा जाता था। लेकिन अब, धूम्रपान करने वालों की संख्या घटने के बावजूद, यह बीमारी कम उम्र की महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है, जो ना तो धूम्रपान करती हैं और ना ही शराब का सेवन करती हैं।2020 में 3.5 लाख से अधिक नए मामले
साल 2020 में, विश्वभर में 3,55,000 से अधिक नए मामले सामने आए, जिसमें से लगभग 1,77,000 मौतें इस बीमारी के कारण हुईं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह बीमारी अब गैर-धूम्रपान करने वाले लोगों में भी बढ़ रही है, खासकर युवा श्वेत महिलाओं में।Oral cancer causes : आहार बन सकता है एक बड़ा कारण
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तेजी से बढ़ते खतरे के पीछे आहार एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। अभी तक मुंह के कैंसर (Oral cancer) के बढ़ते मामलों के पीछे एचपीवी संक्रमण (मानव पैपिलोमा वायरस) को जिम्मेदार माना जा रहा था, लेकिन हालिया अध्ययन में एचपीवी को इसकी वजह मानने से इनकार कर दिया गया है।डॉ. ब्रिटनी बार्बर का बयान
अध्ययन की प्रमुख लेखिका और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. ब्रिटनी बार्बर, ने कहा,“हालांकि मुँह का कैंसर (Oral cancer) स्तन या कोलोन कैंसर की तुलना में कम आम है, फिर भी इसकी वार्षिक दर 4-4.3 प्रति 1,00,000 व्यक्तियों के बीच है। चिंता की बात यह है कि यह बीमारी अब गैर-धूम्रपान और गैर-शराब पीने वाली महिलाओं में भी बढ़ रही है।”
क्या कहते हैं शोध के निष्कर्ष?
– रोज़ाना कम से कम एक मीठा पेय पीने वाली महिलाओं में 5 गुना अधिक जोखिम।– यह खतरा धूम्रपान और शराब के सेवन से स्वतंत्र है।
– अब तक शुगर-स्वीटेंड ड्रिंक्स को आंत और कोलोन कैंसर से जोड़ा जाता था, लेकिन सिर और गर्दन के कैंसर से इसका संबंध पहली बार सामने आया है।