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Cancer News : कैंसर वाली कोशिकाओं को शरीर से हटाने में बड़ी कामयाबी के संकेत

Good News for Cancer patients : कैंसर मरीजों के लिए Good News है। भारत की पहली CAR-T सेल थेरेपी से कैंसर वाली कोशिकाओं को शरीर से हटाने में बड़ी कामयाबी के संकेत मिले हैं। यह थेरेपी 73% भारतीय मरीजों पर सफल रही है।

भारतMar 16, 2025 / 11:33 am

Manoj Kumar

Cancer News CAR-T therapy gives new life to 73 percent patients The Lancet Report

Cancer News CAR-T therapy gives new life to 73 percent patients The Lancet Report

Cancer treatment in India : भारत की पहली CAR-T सेल थेरेपी के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे “द लांसेट” में प्रकाशित हुए हैं। इन नतीजों के अनुसार, यह थेरेपी 73% भारतीय मरीजों पर सफल रही है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह थेरेपी उन मरीजों के लिए बनाई गई है जिनका कैंसर (Cancer) अन्य उपचारों से ठीक नहीं हो रहा था।

क्या है CAR-T सेल थेरेपी?

CAR-T (Chimeric Antigen Receptor T-Cell) थेरेपी एक उन्नत इम्यूनोथेरेपी तकनीक है, जिसमें मरीज के खुद के टी-सेल्स को लैब में जेनेटिक रूप से संशोधित किया जाता है ताकि वे कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर नष्ट कर सकें। यह थेरेपी विशेष रूप से रक्त कैंसर, जैसे एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया और बड़े बी-सेल लिंफोमा के इलाज के लिए उपयोग की जाती है।

लांसेट के शोध के प्रमुख निष्कर्ष

सफलता दर: 73%

जीवन प्रत्याशा : एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया मरीजों में 6 महीने और लिंफोमा मरीजों में 4 महीने बिना किसी कैंसर की प्रगति के।

दुष्प्रभाव:
हीमोफैगोसाइटिक लिम्फोहिस्टियोसाइटोसिस (HLH) – 12% मरीजों में गंभीर इम्यून प्रतिक्रिया।

एनीमिया – 61%

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (कम प्लेटलेट्स) – 65%

न्युट्रोपेनिया (कम सफेद रक्त कोशिकाएँ) – 96%

बुखार के साथ न्युट्रोपेनिया – 47%
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क्या है इस उपचार की विशेषता?

यह थेरेपी भारत में बनी पहली CAR-T सेल थेरेपी है, जिसे IIT बॉम्बे के स्टार्टअप ImmunoAct द्वारा विकसित किया गया है। इसकी लागत मात्र 30,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 25 लाख रुपये) है, जो कि अन्य देशों में उपलब्ध CAR-T थेरेपी की लागत (3.73 लाख से 4.75 लाख डॉलर) की तुलना में 1/20वां है।

सरकार और एजेंसियों की भूमिका

भारत के औषधि नियामक ने इस थेरेपी को 2023 में अप्रकाशित परिणामों के आधार पर मंजूरी दी थी। चूंकि यह अंतिम विकल्प के रूप में उपयोग की जाने वाली थेरेपी है, इसलिए कंपनी को बड़े पैमाने पर फेज़-III ट्रायल करने की अनिवार्यता से छूट दी गई। हालांकि, सभी मरीजों पर 15 वर्षों तक निगरानी रखी जाएगी।

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क्यों है यह थेरेपी महत्वपूर्ण?

CAR-T सेल थेरेपी अभी तक केवल कुछ ही देशों में उपलब्ध थी, जिनमें अमेरिका, यूरोप, जापान, ऑस्ट्रेलिया, चीन, और दक्षिण कोरिया जैसे विकसित देश शामिल हैं। इस थेरेपी के भारतीय संस्करण की सफलता न केवल देश में उन्नत कैंसर उपचार के द्वार खोलेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी कैंसर चिकित्सा को अधिक सुलभ और किफायती बनाएगी।
CAR-T सेल थेरेपी का भारत में सफल क्लिनिकल ट्रायल न केवल मेडिकल क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह उन हजारों कैंसर मरीजों के लिए भी आशा की किरण है जिनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं बचा था। इस अत्याधुनिक उपचार के सस्ती दरों पर उपलब्ध होने से कैंसर (Cancer) के खिलाफ लड़ाई में भारत एक नई दिशा में अग्रसर हो रहा है।

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