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हनुमानगढ़

11 मार्च से राजस्थान को कितना मिलेगा पानी, बना हुआ है असमंजस, आज होगा फैसला

Rajasthan News : राजस्थान को 11 मार्च से कितना पानी मिलेगा, इस बात का फैसला आज 10 मार्च की चंडीगढ़ में होने वाली बीबीएमबी बैठक में तय होगा। जानकर आश्चर्य होगा कि राजस्थान का जितना शेयर बनता था, वह उपयोग कर लिया गया है। अब क्या होगा?

हनुमानगढ़Mar 10, 2025 / 11:30 am

Sanjay Kumar Srivastava

How much water will Rajasthan get from 11 March Confusion Remains Decision will be Taken Today
Rajasthan News : राजस्थान की इंदिरागांधी, भाखड़ा, गंग कैनाल सहित अन्य नहरों को 11 मार्च से मिलने वाले सिंचाई पानी का निर्धारण 10 मार्च को चंडीगढ़ में होने वाली भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की बैठक में किया जाएगा। इस अहम बैठक में राजस्थान की तरफ से जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता प्रदीप रुस्तगी शामिल होंगे। बांधों में उपलब्ध पानी के हिसाब से आगे का शेयर निर्धारित किया जाएगा। वर्तमान में इंदिरागांधी नहर में करीब 3000 क्यूसेक तथा भाखड़ा नहर में 700 से 800 क्यूसेक के बीच पानी चलाया जा रहा है।

राजस्थान का जितना पानी का शेयर था, वो खत्म हो गया है…

जानकारी के अनुसार राजस्थान का जितना शेयर बनता था, वह उपयोग कर लिया गया है। अब बीबीएमबी से आग्रह कर मानसून सीजन तक नहरों में पेयजल चलाने का आग्रह किया जा रहा है। इस महीने के आखिर में नहरों में बंदी प्रस्तावित है। इसके बाद केवल पेयजल चलेगा। जबकि प्रदेश का शेयर लगभग खत्म हो चुका है। इस स्थिति में भीषण गर्मी में नहरों में जलापूर्ति को सुचारू रखना काफी अहम रहेगा।

बरसात से कुछ होगा सुधार, पेयजल मिलने में नहीं आएगी दिक्कत

पिछले सप्ताह बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में बरसात के बाद आवक की स्थिति में कुछ सुधार आया था। इससे राजस्थान को पेयजल मिलने में दिक्कत नहीं आएगी। हालांकि राजस्थान की नहरों में पेयजल चलाने के लिए कितना शेयर निर्धारित किया गया, इसका पता दस मार्च को होने वाली बैठक में ही चलेगा।
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इस बार के मानसून पर हैं निगाहें

गत वर्ष मानसून सीजन में अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से पौंग व भाखड़ा बांध काफी खाली रह गए थे। इस बार फिर से जून-जुलाई में शुरू होने वाली बारिश पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। इस बार भी मानसून कमजोर रहा तो भविष्य में और दिक्कतें आ सकती है। बांधों में पानी की आवक होने पर ही खरीफ फसलों की बिजाई के लिए सिंचाई का पानी मिल सकेगा।

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