किसान – मेरे चेक तो चेंज कर दो बहुत दिन हो गए।
व्यापारी – चेक आज चेंज नहीं होगा। आज अमावस्या है तुमको पता है।
किसान – हमने क्या गलती थोड़ी कर दी यार।.
व्यापारी – गलती किसी ने भी नहीं की है उस पर हम बात नहीं करें।
किसान – हमने आस लगाकर व्यापार किया था कि सेठ जी पैसा दे देंगे।
व्यापारी – देखो तुलसा जी मेरे हाथ में है इससे बड़ा कुछ हो सकता है क्या .. कृष्ण भगवान की तरह नाम है।
किसान – नाम है न सब है (बात काटते हुए )
व्यापारी – तुम मुझे परेशान नहीं करोगे।
किसान – आप मेरे चेक दे दो।
व्यापारी – ऐसे नहीं होगा , आप मुझे उनके नाम लिखकर देदो ।
किसान – वॉट््सएप पर दिया तो है यार। आप देखो।
व्यापारी – व्हाट््सएप पर नहीं कागज पर लिख कर दे दो, इतना इतना माल है। किसानों का इतना भुगतान है, हस्ताक्षर करा कर, मंडी लाइसेंस का बिल बनाकर दे दो।
किसान – मंडी लाइसेंस किसने दिया यार। आपने पैसा तो दिया नहीं। फाइलें ऐसी की ऐसी रखी है।
व्यापारी -अच्छा.. किसानों का दे देना । (घर के अंदर जाते हुए)
किसान – आपको देखते हुए हमने सौदा किया।
व्यापारी – मुझे परेशान मत करो मैं तुमसे ज्यादा परेशान हूं, मैं बस मरा ही नहीं हूं। मैंने उनको भी लिखकर दे दिया मुझे अंदर डाल दो, मैं जमानत भी नहीं कराऊंगा, लोग घर आकर पैसों की मांग करेंगे, झगड़ा करेंगे। (वीडीयो कट)
श्याम कुमावत, जांचकर्ता अधिकारी, कोतवाली, झाबुआषि उपज मंडी झाबुआ