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ग्वालियर

पिछली उपज का भुगतान नहीं मिलने से बोवनी प्रभावित, किसानों की चिंता बढ़ी

जेवर गिरवी रख बीज का जुगाड़ लगा रहे किसान: वीडियो बनाकर की रुपयों की मांग

ग्वालियरJun 18, 2023 / 10:51 pm

rishi jaiswal

पिछली उपज का भुगतान नहीं मिलने से बोवनी प्रभावित, किसानों की चिंता बढ़ी

पिछली उपज का भुगतान नहीं मिलने से बोवनी प्रभावित, किसानों की चिंता बढ़ी

झाबुआ. कुछ किसानों ने बोवनी शुरू कर दी है.. हम बोवनी कैसे करेंगे.. हमारी पिछली उपज का पैसा व्यापारी खा गया। शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही। व्यापारी घर में छुपा है।

उपज के भुगतान का इंतजार कर रहे थे कि बीवी के गहने छुड़ा लेंगे। अब व्यापारी उपज का भुगतान नहीं कर रहा है तो बोवनी के लिए बीज की जुगत में मां के गहने गिरवी रखने की नोबत आ गई। व्यापारी आजकल करते 4 माह से पैसा नहीं दे रहा है। यह कहना था जयंतीलाल और कृष्णा के साथ उन तमाम गांव के किसानों का जिन्होंने व्यापारी को फसल बेच दी थी। किसान जयंतीलाल सूरजचंद कलाल और कृष्णा जयंतीलाल मालवीय ने बताया कि व्यापारी के घर के 3 महीनों से चक्कर लगा रहे हैं। उसके घर के सामने पकड़ लिया तो अमावस्या के दिन भुगतान नहीं करने का बहाना बनाने लगा। हमने वीडियो उतार लिया। हम अपने स्तर से सारे प्रयास कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन का साथ नहीं मिल रहा। गौरतलब है कि जयंतीलाल पालड़ी के निवासी हैं। उन्होंने 3 किसानों का कुल 130 ङ्क्षक्वटल सोयाबीन और कृष्णा मालवीय ने 140 ङ्क्षक्वटल सोयाबीन व्यापारी राजेंद्र सरतालिया को दिया था। बदले में किसान विकास ट्रस्ट के नाम से चेक व्यापारी के बेटों ने दिए थे। जो फर्जी निकले। पीथनपुर के कालू ने बताया पत्नी की छह चांदी की चूडिय़ां गिरवी रखकर इस बार बीज का जुगाड़ किया। कालू और झितरा दोनों पिता-पुत्र को 300000 रुपए लेना है। प्रतिदिन व्यापारी के घर के चक्कर लग रहे हैं। बोवनी भी प्रभावित हो रही है।
&समाचार में प्रकाशित होने के बाद इस मामले में विशेष जांच की जा रही है। कलेक्टर मैडम के निर्देशों पर डीडीए साहब ने कमेटी बनाई है। इस कमेटी में कृषि विभाग के अधिकारी व मंडी कर्मचारी शामिल हैं। कुछ किसानों से बात हुई है। दूसरे किसानों और व्यापारी को बुलाया है। जल्द ही कमेटी की रिपोर्ट भी सामने आ जाएगी।
&इस संबंध में तीन से चार बार किसानों को बुलाया है, लेकिन किसान कार्रवाई करने के स्थान पर पुलिस से पैसा दिलाने में मदद चाहते हैं। पुलिस ने व्यापारी से भी कागज मांगे हैं।, डेडलाइन भी जारी की है कि जल्द से जल्द किसानों का पैसा चुकाया जाए। इस पूरे मामले में पुलिस संवेदनशीलता के साथ जांच कर रही है। किसानों को हर मदद करने पुलिस कटिबद्ध है।
किसानों से बातचीत का वीडियो
किसान – मेरे चेक तो चेंज कर दो बहुत दिन हो गए।
व्यापारी – चेक आज चेंज नहीं होगा। आज अमावस्या है तुमको पता है।
किसान – हमने क्या गलती थोड़ी कर दी यार।.
व्यापारी – गलती किसी ने भी नहीं की है उस पर हम बात नहीं करें।
किसान – हमने आस लगाकर व्यापार किया था कि सेठ जी पैसा दे देंगे।
व्यापारी – देखो तुलसा जी मेरे हाथ में है इससे बड़ा कुछ हो सकता है क्या .. कृष्ण भगवान की तरह नाम है।
किसान – नाम है न सब है (बात काटते हुए )
व्यापारी – तुम मुझे परेशान नहीं करोगे।
किसान – आप मेरे चेक दे दो।
व्यापारी – ऐसे नहीं होगा , आप मुझे उनके नाम लिखकर देदो ।
किसान – वॉट््सएप पर दिया तो है यार। आप देखो।
व्यापारी – व्हाट््सएप पर नहीं कागज पर लिख कर दे दो, इतना इतना माल है। किसानों का इतना भुगतान है, हस्ताक्षर करा कर, मंडी लाइसेंस का बिल बनाकर दे दो।
किसान – मंडी लाइसेंस किसने दिया यार। आपने पैसा तो दिया नहीं। फाइलें ऐसी की ऐसी रखी है।
व्यापारी -अच्छा.. किसानों का दे देना । (घर के अंदर जाते हुए)
किसान – आपको देखते हुए हमने सौदा किया।
व्यापारी – मुझे परेशान मत करो मैं तुमसे ज्यादा परेशान हूं, मैं बस मरा ही नहीं हूं। मैंने उनको भी लिखकर दे दिया मुझे अंदर डाल दो, मैं जमानत भी नहीं कराऊंगा, लोग घर आकर पैसों की मांग करेंगे, झगड़ा करेंगे। (वीडीयो कट)
श्याम कुमावत, जांचकर्ता अधिकारी, कोतवाली, झाबुआषि उपज मंडी झाबुआ

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