हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर
चंद्रप्रकाश जैन व अखिलेश केशरवानी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका (Public interest litigation) दायर की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजा शर्मा ने तर्क दिया कि शहर में डॉग बाइट की घटनाएं बढ़ रही हैं। हर उम्र का व्यक्ति कुत्तों की वजह से प्रभावित हुआ है। इनकी आबादी भी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन नगर निगम व राज्य शासन इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रही। एक बच्चे के चेहरे को कुत्ते ने बुरी तरह काट दिया। उसके चेहरे पर काफी घाव हुआ।
फ्री में किया जाए इलाज
हर दिन बड़ी संख्या में लोग इंजेक्शन के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉग बाइट के शिकार लोगों का इलाज फ्री किया जाए। क्षतिपूर्ति भी दी जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से सवाल किया कि क्या आपको को भी कभी कुत्ते ने काटा है। उन्होंने जवाब दिया कि नहीं।जीवाजी विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी को कुत्ते ने काटा, नहीं भगाए कुत्ते
विश्वविद्यालय परिसर का हवाला देते हुए कहा कि जीवाजी विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी को कुत्ते ने काट लिया, लेकिन वहां से कुत्ते नहीं भगाए गए। विश्वविद्यालय परिसर में बच्चे, महिला, बुजुर्ग घूमने जाते हैं। एक तरफ बच्चे खेल रहे हैं और दूसरी तरफ कुत्ते खड़े हैं। यहां भी घटना हो सकती है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने इन तथ्यों को रखा
- झारखंड व उत्तराखंड सरकार ने क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। यदि किसी को कुत्ता काटता है तो दोनों राज्यों में क्षतिपूर्ति दी जाती है। सरकार व नगर निगम मिलकर क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान करती है।
- मध्य प्रदेश में भी क्षतिपूर्ति का प्रावधान होना चाहिए।
- कुत्ता काटने पर लोगों का इलाज फ्री होना चाहिए। जेएएच में इंजेक्शन नि:शुल्क लगाया जाना चाहिए।
- कुत्तों को पकडक़र शहर के बाहर भेजा जाना चाहिए। नसबंदी से जनसंख्या नहीं रुक रही है। इसलिए दूसरा विकल्प तलाशना चाहिए।